सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को बैकवर्ड क्लास कमिशन को रेफर कर दिया है, जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा।
'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले 28 कालेजों में दिल्ली के छात्रों के लिए 85 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी। इन कालेज में 12 सौ फीसदी और 16 कालेज को दिल्ली सरकार फंड के तौर पर काफी हिस्सा देती है। यह प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में गुरुवार को पारित कर दिया गया।
क्या हम हल्दीराम की भुजिया खाने से पहले यह छानबीन करेंगे कि उस कंपनी में हमारी जात-बिरादरी, धर्म के कितने लोग, किन-किन पदों पर हैं? क्या झंडुु बाम लगाने से पहले भी हम उसकी धर्म-जाति तय करते हैं? अगर ऐसा नहीं है तो फिर रूह अफजा ने क्या बिगाड़ा है। इसकी मिठास में नफरत की चासनी क्यों मिलाई जा रही है?
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने सोशल मीडिया साइट के माध्यम से कहा कि देश में सभी प्रकार के जाति आधारित आरक्षण बंद होने चाहिए। उन्होंने इसे देश के लिए एक अभिशाप बताया है।
बुलंदशहर की रहने वाली रिहाना ने ससुराल वालों को अपना धर्म बदलने की धमकी दी है। तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रही मुस्लिम महिला रिहाना ने कहा कि अगर उसके ससुराल वालों ने उसे घर में घुसने नहीं दिया तो वह हिंदू धर्म अपना लेगी। इस मुस्लिम महिला की मदद के लिए एक हिन्दू संगठन भी आगे आया। हिंदू संगठन की ओर से मदद के आश्वासन के बाद महिला ने अपने शौहर के परिवार वालों को दूसरा धर्म अपनाने की धमकी दी।