अल्मोड़ा के सल्ट ब्लाक के अंर्तगत इनोलो गांव के समीप रामगंगा नदी बहती है। नदी में संरक्षित प्रजाति की गोल्डन महाशीर, गौंछ सहित अनेक प्रजातियों की मछलियां पाई जाती हैं।
इंग्लिश-विंग्लिश के बाद श्रीदेवी ने मॉम के रूप में एक बार फिर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। फिल्म शुरू होते ही लगता है कि निर्देशक रवि उद्यावर कुछ ऐसा रचने जा रहे हैं जो श्री और सभी के खाते में एक ऐतिहासिक सफलता दर्ज करा जाएगा। लेकिन फिल्म जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, बॉलीवुडिया मसाले की अधिकता उसे एक आम फिल्म बना कर छोड़ती है। फिल्मी संवाद, रोना, फिर विलेन को मारना और दो लोगों की गलतफहमी प्यार में बदल जाती है। बस फिल्म खत्म।
30 वर्षीय फुटबॉल स्टार मेसी और 29 वर्षीय रोकुज्जो 2008 से ही साथ रह रहे हैं। पिछले 25 साल से दोनों एक-दूसरे को जानते हैं, जब वह 5 साल के थे, तभी से वे दोनों दोस्त हैं।
जरी की सिल्क साड़ी, बालों में गजरा, कानों में झुमके के साथ सोहा अली खान अपनी पहली गोद भराई के लिए तैयार थीं। पति कुणाल खेमू के साथ छोटे से फंक्शन में लिए गए फोटो सोहा ने ट्वीट किए।
भाजपा नेता सुशील मोदी ने बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के घर पर सरकारी डॉक्टर्स की टीम तैनात करने को लेकर पिता के साथ-साथ बेटे तेज प्रताप यादव पर भी निशाना साधा है। सुशील मोदी ने कहा कि पिता के लिए डॉक्टर्स की पूरी टीम तैनात करने वाले बेटे को जनता की परवाह नहीं है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी पुरुष और महिला के बीच शारीरिक संबंध या वन नाइट स्टैंड हिंदू कानूनों के तहत विवाह की परिभाषा में नहीं आता। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर उन दोनों ने शादी नहीं की है, तो ऐसे संबंधों से जन्में बच्चे को पिता की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होगा।
वर्तमान में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज एक बार फिर किसानों की खराब हालत को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। लालू यादव ने कहा, ‘किसान और जवान देश के दो पिलर हैं वर्तमान में ये दोनों ही सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
बीते कई महीनों से ट्रिपल तलाक का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। हाल में वॉट्सऐप, पत्र और टेलीफोन के माध्यम से दिए गए तलाक के बाद बॉलीवुड के 'नवाब' यानि सैफ अली खान इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठ पाए। उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह इस प्रथा से बिल्कुल भी सहमत नहीं है।
प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान का कहना है कि यह दुखद है कि शिक्षा लोगों को एक दूसरे के प्रति हमदर्द बनाने में नाकाम रही और दुर्भाग्य से कुछ लोग आज के दौर में भी मंदिर और मस्जिद बनाने के बारे में बात करते हैं।
विशाल भारद्वाज बड़े कैनवास पर फिल्म रंगून ले कर आए हैं। ओमकारा, मकबूल, हैदर बनाने वाले निर्देशक इतनी बड़ी चूक कर सकते हैं यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। दुखांत अंत उनकी फिल्मों का स्थाई भाव रहता है जो यहां भी है। लेकिन ओमकारा या मकबूल में यह दर्शकों को सिहरा देता था और यहां दर्शक राहत की सांस लेते हैं कि चलो फिल्म अब खत्म होगी।