Advertisement

Search Result : "Rohan Shah"

अमेरिका में हुए अपमान के विरोध में शाहरूख को लौट आना चाहिए था: शिवसेना

अमेरिका में हुए अपमान के विरोध में शाहरूख को लौट आना चाहिए था: शिवसेना

अमेरिकी हवाईअड्डे पर बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरूख खान को रोके जाने के मुद्दे पर शिवसेना ने कहा है कि अमेरिका में एक और अपमान होने के बाद शाहरूख को स्वाभिमानी रुख दिखाते हुए भारत लौट आना चाहिए था। उनका यह कदम अमेरिका के मुंह पर एक तमाचा होता। शिवसेना ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा हर बार होने के बावजूद यह सहिष्णु अभिनेता बार-बार अमेरिका जाते हैं।
सानिया और बोपन्ना की जोड़ी क्वार्टर फाइनल में

सानिया और बोपन्ना की जोड़ी क्वार्टर फाइनल में

भारत की सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी आस्टेलिया की सामंथा स्टोसुर और जान पीयर्स को सीधे सेटों में हराकर रियो ओलंपिक मिश्रित युगल वर्ग के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई।
हॉकी टीम और भोकनलाल को छोड़ ओलंपिक में पहले दिन भारत को मिली निराशा

हॉकी टीम और भोकनलाल को छोड़ ओलंपिक में पहले दिन भारत को मिली निराशा

पुरूष हॉकी टीम और सेना के रोवर दत्तू बबन भोकनलाल को छोड़कर भारत के लिए रियो ओलंपिक का पहला दिन निराशाजनक रहा। पुरूष हॉकी टीम ने जहां ओलंपिक में पहला लीग मैच नहीं जीत पाने का 12 साल पुराना कलंक धो दिया वहीं भोकनलाल पुरूषों के एकल स्क्रल में अपनी हीट में तीसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। इन दोनों को छोड़कर भारतीय दल को निशानेबाजी, टेनिस, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में निराशा ही हाथ लगी।
बोपन्ना के साथ कमरे में नहीं रहने की खबरें झूठी : पेस

बोपन्ना के साथ कमरे में नहीं रहने की खबरें झूठी : पेस

टेनिस स्टार लिएंडर पेस ने उन खबरों को असत्य करार दिया है जिनमें कहा गया था कि उन्होंने ओलंपिक खेल गांव में अपने युगल साथी रोहन बोपन्ना के साथ एक कमरे में रहने से इन्कार कर दिया था।
टेनिस में मिश्रित युगल में पदक की उम्मीद

टेनिस में मिश्रित युगल में पदक की उम्मीद

रियो ओलंपिक से पहले लिएंडर पेस को लेकर विवादों ने भारतीय टेनिस को झकझोर दिया था लेकिन इस खेल में मिश्रित युगल में भारत पदक का दावेदार है जिसमें सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना चुनौती पेश करेंगे।
विजय रुपानी होंगे गुजरात के नए मुख्‍यमंत्री, 7 को लेंगे श्‍ापथ

विजय रुपानी होंगे गुजरात के नए मुख्‍यमंत्री, 7 को लेंगे श्‍ापथ

गुजरात भाजपा अध्‍यक्ष विजय रुपानी अब गुजरात के नये मुख्‍यमंत्री होंगे। नितिन पटेल को उप मुख्‍यमंत्री बनाया गया है। मुख्‍यमंत्री के चयन पर बीते 2 दिनों से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा अन्‍य भाजपा नेताओं के बीच विचार विमर्श किया गया। जिसके बाद अहमदाबाद में पार्टी नेताओं से गहन बैठक करने के बाद रुपानी पर आम सहमति बनी। विजय रुपानी रविवार 7 अगस्‍त को महात्मा मंदिर में शपथ लेंगे। विजय रूपानी गुजरात के 25 वें सीएम होंगे।
मोदी के मंत्री भाजपा सांसदों को ही नहीं दे रहे तवज्‍जो, जनता की क्‍या सुनेंगे?

मोदी के मंत्री भाजपा सांसदों को ही नहीं दे रहे तवज्‍जो, जनता की क्‍या सुनेंगे?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री अपनी पार्टी के सांसदों की समस्‍याओं पर गंभीरता से ध्‍यान नहीं दे रहे हैं। भाजपा नेताओं को इस तरह नजरअंदाज किए जाने के बाद आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आम जनता को अपनी समस्‍याओं के निवारण के लिए कितनी जेहमत करनी पड़ती होगी। मंत्रियों की ऐसी मनमानी की शिकायत पीएम मोदी के पास पहुंची तो उन्‍होंने तुरंत मंत्रियों को नसीहत दी है कि वो पार्टी सांसदों से बाकायदा डिनर पर मिले और उनकी समस्याओं का निपटारा करें।
आरएसएस-भाजपा का सर्वे, अगर आज गुजरात में हुए चुनाव तो मिलेगी महज 60-65 सीटें

आरएसएस-भाजपा का सर्वे, अगर आज गुजरात में हुए चुनाव तो मिलेगी महज 60-65 सीटें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को अभी गुजरात को संभालना होगा। अगर वह इस चुनौती को साध नहीं पाए तो उनके लिए आने वाला समय काफी कठिन हो सकता है। उनका गढ़ माने जाने वाले गुजरात में अब भाजपा अपनी पकड़ खोती जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि अगर इस वक्त गुजरात में चुनाव हुए तो पार्टी को विधानसभा की 182 में से 60-65 सीटों के साथ ही संतुष्ट होना पड़ेगा।
गुजरात के हालात के लिए बेन के 2 साल नहीं, मोदी के 13 साल जिम्‍मेदार : राहुल

गुजरात के हालात के लिए बेन के 2 साल नहीं, मोदी के 13 साल जिम्‍मेदार : राहुल

आनंदीबेन पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने संबंधी फैसला लेने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि किसी को बलि का बकरा बना देने से भाजपा स्वयं को राज्य में नहीं बचा पाएगी क्योंकि राज्य के जलने के लिए नरेंद्र मोदी का 13 साल का शासन जिम्मेदार है। गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा, गुजरात के जलने के लिए आनंदीबेन का दो साल का शासन नहीं, बल्कि मोदी शासन के 13 साल जिम्मेदार हैं।