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दिल्ली में बुर्का, नकाब पर प्रतिबंध की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट से खारिज

दिल्ली में बुर्का, नकाब पर प्रतिबंध की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट से खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा संबंधी खतरे के कारण सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के और चेहरा ढकने वाले अन्य नकाबों पर प्रतिबंध की मांग करने वाली एक याचिका को आज खारिज करते हुए कहा कि यह जनहित का मामला नहीं है।
हिंदू आश्रमकर्मी की हत्‍या का दावा, हसीना जी आर्इएसआईएस ने अापको भी दी जानकारी

हिंदू आश्रमकर्मी की हत्‍या का दावा, हसीना जी आर्इएसआईएस ने अापको भी दी जानकारी

आईएसआईएस ने बांग्लादेश में एक हिन्दू आश्रम में काम करने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। मुस्लिम बहुल इस देश में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा धर्मनिपरेक्ष कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यकों की लगातार बर्बर हत्या की जा रही है। आईएसआईएस ने इस कदम से एक तरह से प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद काेे भी अपनी मौजूदगी की सूचना दी है। वााजेद नेे कहा था कि उनके यहां आईएसआईएस सक्रिय नहीं हैंं।
मालेगांव विस्फोट: सालियान पर दबाव के आरोप खारिज

मालेगांव विस्फोट: सालियान पर दबाव के आरोप खारिज

केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में आज इन आरोपों को खारिज किया कि बर्खास्त विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सालियान को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों पर नरम रुख अपनाने को कहा गया था। गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा, मुख्य आरोप यह है कि अभियोजक से नरम रुख अपनाने को कहा गया था। मैंने खुद दस्तावेजों को देखा है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
मलेशिया में विवेकानंद आश्रम पर उहापोह

मलेशिया में विवेकानंद आश्रम पर उहापोह

मलेशिया में स्थित सौ साल पुराने विवेकानंद आश्रम को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया जाए या नहीं यह संभवत: अगले हफ्ते तय होगा। स्वामी विवेकानंद का यह आश्रम लगभग सौ साल से भी पुराना है। आश्रम का न्यास मंडल राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव दो बार ठुकरा चुका है। इससे पहले मलेशिया सरकार ने यहां ब्रिकफील्ड्स में स्थित 110 साल पुरानी इस इमारत को विरासत स्थल का दर्जा देने की अधिसूचना जारी करने की योजना बनाई थी। लेकिन आश्रम का न्यासमंडल इस प्रस्ताव को दो बार ठुकरा चुका है।
चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।
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