महाराष्ट्र सरकार और किसानों के बीच चल रही तकरार पर विराम लगता दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार के द्वारा किसानों की कर्ज माफी की घोषणा के बाद किसानों ने 12 जून को निर्धारित विरोध प्रदर्शन को रद्द कर दिया है।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पिछले आठ दिनों से किसान सड़कों पर है। अपनी मेहनत की उपज सड़कों पर फेंक रहा है। पुलिस की गोलियां खा रहा है। लेकिन देश के कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह योग में व्यस्त हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं।
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान हुई फायरिंग और किसानों के मुद्दों को लेकर प्रधान मंत्री मोदी ने बैठक ली है। सूत्रों के अनुसार देश के कई हिस्सों में किसानों का प्रदर्शन और मंदसौर में हुई फायरिंग पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई। वहीं मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के हालात को लेकर सीएम शिवराज सिंह ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को फोनकर जानकारी दी है।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में 6 किसानों की मौत के बाद राजनीति गर्म हो गई है। पुलिस फायरिंग में हुई किसानों की मौत को के विरोध में बुधवार को मध्य प्रदेश बंद रखा गया है। कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार को घेरते हुए राज्य भर में बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज पीड़ित परिवारों से मिलने मंदसौर जाने वाले थे। लेकिन प्रशासन ने इजाजत देने से इनकार कर दिया।
राजस्थान के भाजपा विधायक ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। विधायक ने कहा कि एक भी किसान ऐसा नहीं है जिस पर कर्ज न हो। किसान अपने दूध सड़क पर फेंक रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है।
फसलों के उचित दाम और कर्ज माफी जैसे मुद्दों को लेकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसान आंदोलन उग्र होता जा रहा है। आंदोलन में फूट डालने की भाजपा सरकार की कोशिशें बेअसर होती दिख रही हैं।
महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों के आंदोलन का असर आज दूसरे दिन भी बरकरार है। कर्ज माफी की मांग को लेकर किसान गुरुवार से हड़ताल पर हैं। राज्य में किसान आंदोलन में जारी हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। किसानों ने बुलडाणा में दूध से होली भी खेली।
केंद्र की पशुवध पर रोक के विरोध में चेन्नई में डीएमके ने विरोध प्रदर्शन किया है। डीएमके नेताओं ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि अब स्थिति ऐसी आ गई है, “हमें वही खाना चाहिए जो पीएम चाहते हैं।”