इस बीच रामचंद्र गुहा ने ट्वीट कर वर्तमान मोदी सरकार पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए लिखा, 'अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि किसी पुस्तक या लेख का जवाब दूसरी पुस्तक या लेख ही हो सकते हैं। लेकिन हम अब वाजपेयी के भारत में नहीं रह रहे।'
क्रिकेट प्रशासकों की समिति (सीओए) से अलग हो चुके इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने बीसीसीआई को निशाने पर लिया है। गुहा ने अऩिल कुंबले, राहुल द्रविड़ और जहीर खान के मुद्दे पर कहा कि इन क्रिकेटरों ने क्रिकेट के लिए अपना सब कुछ लगा दिया और क्रिकेट के लिए महान थे। इनका अपमान किया जाना उचित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों में एक विक्रम लिमये का बीसीसीआई से जाना तय हो गया है। सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में बतौर सीईओ उऩकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जुलाई में सुप्रीम कोर्ट के खुलने पर लिमये अपना बात रखने के बाद इस्तीफा देंगे।
बीसीसीआई की प्रशासक समिति से इस्तीफा देने के बाद रामचंद्र गुहा ने बीसीसीआई पर बड़ा बयान दिया है। गुहा ने कहा अगर बीसीसीआई लगातार बढ़ रहे सुपरस्टार कल्चर को खत्म नहीं करता है, तो आने वाले समय में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। साथ ही उन्होंने धोनी, गावस्कर, गांगुली और कोहली पर गंभीर आरोप लगाए हैं।