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किसकी साड़ी किसके काम आई

किसकी साड़ी किसके काम आई

साड़ी हर स्त्री की प्रिय वस्तु में से एक है। शायद ही ऐसी कोई महिला हो जिसे साड़ी से प्रेम न हो। अब यही साड़ी कुछ महिलाओं का जीवन भी संवार रही है। अमेरिका की एक डिजाइनर ने पुरानी जरी की साड़ी से पश्चिम बंगाल और बिहार की सेक्स वर्कर के जीवन में जरी की चमक भर दी है।
पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
शिवसेना: एक कागजी शेर के 50 साल!

शिवसेना: एक कागजी शेर के 50 साल!

1985 तक शिवसेना केवल मुंबई तक ही सीमित थी। महाराष्ट्र में इसके प्रसार का श्रेय छगन भुजबल को जाता है। शरद पवार 1986 में अपने कांग्रेस विरोधी समूह को सकते में छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस वजह से बने खाली स्थान को शिवसेना ने भरा। आज भी मुंबई की शिवसेना और बाकी महाराष्ट्र की शिवसेना में अंतर है।
क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
पदयात्रा को लेकर शिवसेना का राहुल गांधी पर निशाना

पदयात्रा को लेकर शिवसेना का राहुल गांधी पर निशाना

सूखे से प्रभावित विदर्भ जिले में राहुल गांधी की पदयात्रा को लेकर शिवसेना ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें किसानों के आंसू तब पोंछने चाहिए थे, जब कांग्रेस सत्ता में थी।