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गेहूं, गन्ना और गन के इलाके वाले नवाजुद्दीन

गेहूं, गन्ना और गन के इलाके वाले नवाजुद्दीन

नवाजुद्दीन सिद्दीकी के संघर्ष की दास्तान अब किसी के लिए नई नहीं है। उन्होंने अपने जीवन में लंबा वक्त संघर्ष कर बिताया है। जब तक नवाज, फैसल (गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनके किरदार का नाम) में नहीं बदल गए तब तक उनके दिन नहीं बदले थे। उनके लिए पहले जन्मदिन सिर्फ एक तारीख तक सिमटा रहता था लेकिन अब 19 मई पर उनके पास बधाई का तांता लगा रहता है।
नवाजुद्दीन के दर्द पर मरहम, दिल्ली की रामलीलाओं में भूमिका की पेशकश

नवाजुद्दीन के दर्द पर मरहम, दिल्ली की रामलीलाओं में भूमिका की पेशकश

अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली की दो रामलीला समितियों ने नवाजुद्दीन को अपनी रामलीला में भूमिका देने की पेशकश की है। दरअसल अपने शहर मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना की रामलीला में उनके भागे लेने का विरोध किए जाने पर नवाज ने निराश होते हुए कहा था कि रामलीला में अभिनय करना उनके बचपन का सपना है।
सलमान ने की नवाजुद्दीन की तारीफ, बताया वन-टेक अभिनेता

सलमान ने की नवाजुद्दीन की तारीफ, बताया वन-टेक अभिनेता

सुपरस्टार सलमान खान का मानना है कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक टेक में शानदार शॉट देने वाले अभिनेता हैं। गैंग ऑफ वोसेपुर से मशहूर नवाजुद्दीन सिद्दीकी सलमान की अगली फिल्म फ्रीकी अली में एक गोल्फर की भूमिका में हैं।
रमन राघव, 2.0 होने में थोड़ी सी कसर

रमन राघव, 2.0 होने में थोड़ी सी कसर

रमन राघव 2.0 अनुराग कश्यप स्टाइल की फिल्म है। यानी लंबी स्क्रिप्ट और एडिटिंग से जूझती हुई फिल्म। फिल्म हिचकाले खाती धीरे-धीरे चलती है और लगता है पता नहीं यह खत्म कैसे होगी। यह तो तय है कि यह फिल्म पूरी तरह अनुराग कश्यप के मुरीदों के लिए ही है।
‘तीन’ तिलंगों की समीक्षा

‘तीन’ तिलंगों की समीक्षा

सुजय घोष की फिल्म ‘कहानी’ ने हिंदी थ्रिलर को नया रूप दिया था। कहानी बहुत ‘पेस’ के साथ चलती है। तीन के निर्माता के तौर पर सुजाय रिभू दासगुप्ता को बताना भूल गए होंगे कि वह उनकी छाया से बाहर जाकर भी फिल्म बना सकते हैं।
ऐश्वर्या और सोनम ही नहीं, कान में और भी कलाकार बिखेर रहे हैं जलवा

ऐश्वर्या और सोनम ही नहीं, कान में और भी कलाकार बिखेर रहे हैं जलवा

69वें कान फिल्मोत्सव में ऐश्वर्या राय बच्चन और सोनम कपूर जैसी बॉलीवुड हस्तियों के अलावा दूसरे भारतीय फिल्मी सितारे भी समारोह के अलग-अलग कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं।
खिड़कियां थिएटर उत्सव

खिड़कियां थिएटर उत्सव

मुंबई में खिड़कियां थिएटर उत्सव की धूम रहती है। रंगमंच के कलाकारों के साथ बॉलीवुड के सितारे में इसमें शामिल होना गर्व समझते हैं।
शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

शत्रुघ्न ने मांझी के बहाने डीएनए वाले बयान पर साधा निशाना

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में नहीं चूक रहे। पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार के संग नजदीकियां बढ़ा रहे शत्रुघ्न ने इस बार मांझी द माउंटेन मैन फिल्म के बहाने नरेंद्र मोदी के डीएनए वाले बयान पर निशाना साधा है।
उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आम आदमी के चट्टानी इरादों को दर्शाती फिल्म मांझी - द माउंटेन मैन को राज्य में मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला किया है।
मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई। एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
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