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कोयला घोटाला: विशेष अदालत ने दी मनमोहन सिंह को बड़ी राहत

कोयला घोटाला: विशेष अदालत ने दी मनमोहन सिंह को बड़ी राहत

सीबीआई की विशेष अदालत ने कोयला घोटाला में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा है कि मनमोहन सिंह के सामने यह मानने का कोई कारण नहीं था कि तत्कालीन कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कोल ब्लॉक आवंटन के लिए नियमों का पालन नहीं करने वाली कंपनी की सिफारिश की है।
कोयला घोटाला: विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को दोषी ठहराया

कोयला घोटाला: विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को दोषी ठहराया

सीबीआई की विशेष अदालत ने आज कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में फैसला दिया है। अदालत ने इस मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, केएसएसपीएल कंपनी के एमडी पवन अहलूवालिया और संयुक्त सचिव क्रोफा को कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया है।
टैंकर घोटाले में कपिल मिश्रा ने दर्ज कराया एसीबी में बयान,केजरीवाल के चुप रहने पर उठाए सवाल

टैंकर घोटाले में कपिल मिश्रा ने दर्ज कराया एसीबी में बयान,केजरीवाल के चुप रहने पर उठाए सवाल

टैंकर घोटाला केस में दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने एसीबी ऑफिस पहुंच कर अपने बयान दर्ज कराए । बयान दर्ज कराने के बाद एक बार फिर से उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि वो चुप-चुप क्यों बैठें है जरूर कोई बात है। कपिल ने कहा कि मेरे ऊपर हमला करने वाला शख्स मोहल्ला क्लीनिक का सदस्य है।
चारा घोटाला: लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका, हर केस में होगा अलग-अलग ट्रायल

चारा घोटाला: लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका, हर केस में होगा अलग-अलग ट्रायल

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चारा घोटाले से जुड़े लालू प्रसाद यादव पर अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुकाबिक चारा घोटला से जुड़े चार मामलों में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर अलग-अलग ट्रायल चलेगा।
मिट्टी घोटाला मामले में लालू यादव को मिली क्लीन चिट

मिट्टी घोटाला मामले में लालू यादव को मिली क्लीन चिट

मिट्टी घोटाला मामले में लालू यादव को क्लीन चिट मिल गई है। बिहार सरकार ने कहा है कि ऐसा कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। जिस मिट्टी घोटाले को लेकर बीजेपी बिहार सरकार पर ताबड़तोड़ हमले कर रही थे उस घोटाले को नकारते हुए सरकार ने लालू यादव को क्लीन चिट दे दी है।
भारत में 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य के लायक नहीं

भारत में 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य के लायक नहीं

एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके निकलने वाले 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य करने लायक नहीं होते हैं। सर्वेक्षण देश के आईटी व डेटा विज्ञान परिदृश्य में प्रतिभाओं की भारी कमी की ओर संकेत करता है।
मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
शेयर घोटाला: हर्षद मेहता को फायदा पहुंचाने वाले चार पूर्व बैंक अफसरों को सजा

शेयर घोटाला: हर्षद मेहता को फायदा पहुंचाने वाले चार पूर्व बैंक अफसरों को सजा

मुम्बई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने हर्षद मेहता से जुड़े प्रतिभूति घोटाले में 25 साल बाद एक मामले में चार पूर्व बैंक अधिकारियों को मुजरिम करार दिया और उन्हें तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनायी है।
योगी की परीक्षा: क्‍या 'चीनी मि‍ल घोटाले' में कस पाएंगे मायावती पर शि‍कंंजा

योगी की परीक्षा: क्‍या 'चीनी मि‍ल घोटाले' में कस पाएंगे मायावती पर शि‍कंंजा

यह बसपा प्रमुख मायावती के राज में हुआ ऐसा कथित घोटाला है, जिसे लोग पहले दिन से ही घोटाला मानते हैं। लेकिन साबित आज तक नहीं हो पाया। इस मामले में मायावती के साथ-साथ अखिलेश यादव पर भी शिकंजा कसना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
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