बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर भाजपा और सहयोगी संगठन गो-रक्षक दल को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि गो-रक्षक जो खुद को पशु एवं गाय के प्रति संवेदनशील कहते हैं, उनका यह पहला कर्तव्य है कि सड़क पर लावारिस घूम रहे जानवरों के लिए खास गोशाला बनाकर उनको उसमें रखें और उनकी सेवा करें।
डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर और एक एक्टर के तौर पर अपना हुनर दिखाने वाले करण जौहर आज 44 साल के हो गए हैं। करण बॉलीवुड के एक ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने आज की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए फिल्मों का निर्माण किया। फिर चाहे बात ‘कुछ कुछ होता है’ की हो या फिर ‘स्टूडेंट ऑफ दि ईयर‘ की हो। करण जौहर ने एक से बढ़कर एक अच्छी फिल्में निर्देशित की हैं।
स्नैक वाला गेम याद है ना? तब नोकिया का 3310 भी याद ही होगा। 17 साल बाद नए लुक के साथ अब नोकिया 3310 मोबाइल सेट की वापसी हो गई है। आज नोकिया के राइट्स वाली कंपनी एचएमडी ग्लोबल ने इसे लॉन्च कर दिया है।
मराठी फिल्म निर्माता अतुल बी तपकीर ने आज पुणे के होटल में सुसाइड कर लिया। मौत से पहले उन्होंने फेसबुक पर एक लम्बा पोस्ट भी लिखा है। जिसमें उन्होंने फिल्म 'ढोल ताशे' में हुए भारी नुकसान और तनावपूर्ण पारिवारिक जीवन को कारण बताया है।
सीआईए के नए निदेशक माइक पोंपिओ ने विकीलीक्स को राज्य से इतर दुश्मन खुफिया एजेंसी करार देते हुए कहा है कि इसे अक्सर रूस से मदद मिलती है। विकीलीक्स द्वारा गोपनीय दस्तावेज लीक किए जाने से अमेरिका को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।
आॅस्कर जीतने से जुड़े मंत्र का खुलासा करते हुए एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि आपके आॅस्कर जीतने की संभावना तब बढ़ जाती है, जब आप अमेरिकी संस्कृति दर्शाने वाली फिल्म में एक अमेरिकी अभिनेता हों।
निष्कासन प्रस्ताव का सामना कर रहे टाटा मोटर्स के स्वतंत्र निदेशक नुस्ली वाडिया ने आज कहा कि छोटी कार नैनो के कारोबार को जारी रखने को लेकर उनका टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा के साथ मतभेद था क्यों कि यह कंपनी के वित्तीय संसाधनों में सेंध साबित हो चुकी है।
टाटा संस द्वारा साइरस मिस्त्री को टाटा स्टील के निदेशक पद से हटाने के प्रयासों के बीच मिस्त्री ने कंपनी के प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका और खास कर कंपनी के घाटे में चल रहे यूरोपीय कारोबार से निपटने के अपने तरीके का बचाव किया।
अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।