दिल्ली में वेतन बढ़ोतरी को लेकर सरकारी अस्पतालों की नर्सें 2 सितंबर से हड़ताल पर चली गई हैंं। 40 सरकारी अस्पतालों की करीब 50 हजार नर्सों के काम ठप्प करने के बाद दिल्ली की चिकित्सा सेवा को झटका लगेगा। दिल्ली सरकार ने हालांकि असेंशियल सर्विस मैन्टेनेंस एक्ट एस्मा लगा दिया है लेकिन नर्सों का इस पर कोई असर नहीं दिखा। उन्होंने साफ कहा है कि वह आश्वासन के बाद भी काम पर नहीं लौटेंगी। स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा डालने पर नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
देश के 10 प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का चार राज्यों में व्यापक असर पड़ा है। केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल, बिहार और झारखंड में हड़ताल के चलते बैंकिंग, औद्योगिक, वाणिज्यिक और परिवहन सेवाओं पर असर देखा गया। बैंकिंग सेवाएं तो देश भर में प्रभावित हुई हैं। राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में सेवाएं सामान्य रहीं। महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में हड़ताल की अपील का मिला-जुला असर दिखा। राष्ट्रीयकृत बैंक बंद रहे। प्राइवेट बैंक कहीं खुले रहे, कहीं बंद।
सूखा और खनन व निर्माण क्षेत्र की धीमी गति के चलते विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 7.1 प्रतिशत रह गयी है जो कि पिछली छह तिमाही में सबसेे कम है। जीडीपी में वृद्धि का ताजा स्तर वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.5 प्रतिशत की अपेक्षा कम है।
बीएसई और सीएमआईई द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार अगस्त में देश में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी की दर बढ कर 11.24 प्रतिशत रही जो ग्रामीण क्षेत्र के 9.18 प्रतिशत से अधिक है।
बैंकों में कल शुक्रवार को कामकाज प्रभावित हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के छह कर्मचारी संगठनों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की कल की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।
प्रशासन द्वारा तीन थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटा दिए जाने के कारण श्रीनगर शहर में जनजीवन सामान्य की ओर लौटने लगा। हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से बीते 51 दिनों से घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ था।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनें दो सितंबर को देश भर में हड़ताल की अपनी घोषणा से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने सरकार की ओर से हड़ताल को स्थगित करने का अनुरोध ठुकरा दिया है। इसे देखते हुए श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने श्रम मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यापक विचार-विमर्श किया।
16 साल तक की भूख हड़ताल के बाद भी मणिपुर की लौह महिला इरोम शर्मिला की अच्छी सेहत का राज उनकी इच्छाशक्ति और योगाभ्यास है। इस भूख हड़ताल के दौरान उन्हें नाक से जबरन तरल भोजन दिया जाता था। शर्मिला के सहयोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार, शर्मिला ने 1998 में योग सीखा था। इसके दो साल बाद वह भूख हड़ताल पर बैठ गई थीं। यह भूख हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई।