अमेरिका के प्रसिद्ध लिंकन सेंटर में हर साल आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित संगीत महोत्सव में इस वर्ष दक्षिण भारत की कला और संस्कृति आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगी।
बिहार बोर्ड परीक्षा परिणाम में टॉपर्स विवाद के बाद विज्ञान संकाय के टॉपर सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार का परिणाम रद्द कर दिया गया है। बोर्ड ने विष्णुदेव राय कॉलेज की मान्यता भी निलंबित कर दी है। कला संकाय की टॉपर रूबी राय को फिर से टेस्ट देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है।
बांग्लादेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित एक बौद्ध मठ में रहने वाले एक 70 वर्षीय उम्रदराज बौद्ध भिक्षु की कुछ अज्ञात लोगों ने मठ के भीतर हत्या कर दी। सिर्फ एक ही हफ्ते पहले इसी तरह के एक हमले में एक मुस्लिम सूफी प्रचारक की हत्या कर दी गई थी।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से नियुक्त समिति ने यमुना के किनारे आगामी कार्यक्रम से होने वाले संभावित नुकसान के लिए श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने 11 से 13 मार्च तक यमुना किनार कार्यक्रम करने की योजना बनाई है।
करीब 40 साल पहले पंजाब से अमेरिका बस गए सर्जन शिवदेव सिंह ने अपने तैल चित्रों, चारकोल से बनाए गए स्केच और वॉटर कलर्स के जरिये अपनी जड़ों से जुड़ी यादों को तस्वीरों का रूप दे कर पंजाब के ग्रामीण जन-जीवन की झलक दिखाने की कोशिश की है।
हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
पाकिस्तानी सूफी गायक अदील खान बर्की जब भी हिंदुस्तान आते हैं एक तकलीफ के साथ यहां से जाते हैं। बंटवारे के वक्त बर्की के बुजुर्गों को जालंधर से लाहौर पड़ा था। उनके दादा और वालिद की तमन्ना थी कि आखिरी वक्त में एक दफा वह जालंधर जरूर जाएं लेकिन वीजा की दिक्कतों के चलते उन्हें यह नसीब न हो सका। ऐसे में अदील खान के दादा और वालिद के खाक-ए-सुपुर्द होने के बाद उन्होंने उनकी कब्र पर कत्बा लगवाया, जिसपर लिखा ‘ए जालंधर की हवाओ अगर कभी इस तरफ से गुजरो तो कुछ देर इस कब्र पर ठहर जाना, तुम नहीं जानती कि मरने वाला तुम्हें कितना याद करता है क्योंकि तुम बदनसीब इंसानों की तरह वीजा की मोहताज नहीं हो।’ इस दफा जब अदील खान हिंदुस्तान आए तो आउटलुक की विशेष संवाददाता ने उनसे विशेष बातचीत की-