सुनील सीरीज का उपन्यास उनका पहला उपन्यास था और यह 1963 में पब्लिश हुआ था। यह उपन्यास पुराने गुनाह नए गुनहगार पत्रिका नीलम जासूस में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद खोजी पत्रकार सुनील चक्रवर्ती को लेकर उन्होंने 100 किताबों की श्रृंखला की।
हाल ही में रेलवे के खाने को लेकर संसद में कैग रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसमें बताया गया कि ट्रेनों में मिलने वाला खाना खाने लायक नहीं है। संसद में इस रिपोर्ट को पेश हुए ज्यादा दिन नहीं बीते थे कि यूपी के यात्रियों ने इसका सबूत भी दे दिया।