संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 10 देशों ने रूस और पश्चिमी देशों के बीच संघर्ष को टालने की कोशिश करते हुए एक समझौता प्रस्ताव वितरित किया। यह प्रस्ताव सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले की पूर्ण जांच की मांग करने को लेकर दिया गया।
सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिका ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए हवाई हमले शुरु कर दिए हैं। अमेरिका सीरियाई सरकार के हवाई ठिकानों पर 60 से ज्यादा मिसाइलें दाग चुका है।
सीरिया और इराक से बारूदी सुरंगों, देसी बमों और अन्य जिंदा बमों का सफाया करने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इसके लिए लगभघ 40 से 50 वर्ष का समय लगेगा, तब जाकर सीरिया और इराक से जिंदा बमों का सफाया संभव हो सकेगा।
सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले को निंदनीय बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस तरह के कृत्य ओबामा प्रशासन की कमियों का परिणाम हैं। इस हमले में 58 लोगों की मौत हो गई है।
दमिश्क के पास सीरिया सरकार की एक कुख्यात जेल में पिछले पांच वर्षों में करीब 13,000 लोगों को फांसी दी गई। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यह जानकारी देते हुए शासन पर तबाही की नीति अपनाने का आरोप लगाया।एमनेस्टी की यूमन स्लाॅटरहाउस: मास हैंगिंग एंड एक्सटरमिनेशन एट सैदनाया प्रीजन शीर्षक वाली रिपोर्ट सुरक्षाकर्मियों, बंदियों और न्यायाधीशों सहित 84 प्रत्यक्षदर्शियों के साक्षात्कारों पर आधारित है।
नेपाल में दो वर्ष पहले आए भूकंप के पश्चात माउंट एवरेस्ट की उंचाई को ले कर वैज्ञानिक समुदाय की ओर से व्यक्त की गई शंकाओं के समाधान के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग माउंट एवरेस्ट की उंचाई दोबारा नापेगा।
इंडोनेशया में बुधवार आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या 97 हो गई क्योंकि ढही हुई इमारतों के मलबों से कई शव बाहर निकाले गये हैं। आसेह प्रांत के पीडी जाया जिले में 6.5 तीव्रता का भूकंप उस वक्त आया जब लोग फज्र की नमाज :सुबह की नमाज: की तैयारी कर रहे थे। यह इलाका मुस्लिम बहुल है।
पड़ोसी देश म्यांमार में बुधवार शाम को तेज भूकंप आया। इसका असर बंगाल, बिहार, असम, झारखंड समेत देश के 11 से ज्यादा राज्यों में भी देखा गया। जिससे लोग दहशत में आ गये। कोलकाता, पटना, रांची, गुवाहाटी में करीब 10 सेकंड तक झटके महसूस किए गए। म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.7 थी।
मध्य इटली में बुधवार तड़के 6.2 तीव्रता का भूकंप का झटका आया। जिसके कारण 247 लोगों की मौत हो गई और पहाड़ पर स्थित दर्जनों गांव तबाह हो गए। भूकंप का केंद्र अंब्रिया के नोर्शिया शहर के पास था। प्रत्यक्षदर्शियों ने इतालवी मीडिया को बताया कि तेज झटकों के कारण इसके आसपास की कई इमारतें ढह गईं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।