आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि आर्मी में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका की इजाजत देने की प्रॉसेस तेज की जा रही है। इसके बाद महिलाएं भी पुरुषों के साथ मिलकर दुश्मनों से मुकाबला कर सकेंगी। हालांकि शुरुआत में उन्हें मिलिट्री पुलिस के पदों पर अप्वाइंट किया जाएगा। आर्मी के इस निर्णय को काफी अहम कदम माना जा रहा है।
राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा के मोर और मोरनी वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर मजाक बनाया जा रहा है। जज ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के पक्ष में तर्क देते हुए कहा था कि मोर आजीवन ब्रह्मचारी रहा है।
दिल्ली हाई कोर्ट की पहली महिला न्यालयाधीश (सेवानिवृत) लीला सेठ का निधन हो गया। वह 86 वर्ष की थी। 5 मई की रात को उन्हों ने अपने नोएडा स्थित घर में अंतिम सांस ली। उनकी इच्छा थी कि उनके पार्थिव शरीर को वैज्ञानिक शोध के लिए प्रयोग किया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मामले पर कानूनी राय लेंगे कि क्या उनके मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू टेलीविजन पर एक मशहूर कॉमेडी शो पर सेलिब्रिटी-जज बने रह सकते हैं या नहीं।
सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों को अदालत द्वारा रोक दिए जाने पर राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यायपालिका की आलोचना तेज कर दी है और कहा है कि यदि कुछ होता है तो उसका दोष संघीय न्यायाधीश और अदालत पर लगाया जाना चाहिए।
गुजरात उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की उस अर्जी पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया जिसमें तीस्ता ने 2014 में अहमदाबाद पुलिस की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी। पुलिस ने एक लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट पर हिंदू देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें डालने के मामले में तीस्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन से जुड़ी परिस्थितियों पर मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के संशय प्रकट करने के एक दिन बाद द्रमुक ने उनके निधन की परिस्थितियों की उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा जांच कराये जाने की आज मांग की।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मृत्यु से जुड़ी परिस्थितियों पर लोगों के संदेह को साझा करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने आज संकेत दिया कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने कथित रूप से असंयमित भाषा का इस्तेमाल करने और न्यायपालिका को बदनाम करने के मामले में अपने खिलाफ अवमानना मामले की शीघ्र सुनवाई के लिये आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।