पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के 434 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। सदर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल की ओर से सामान्य जीवन जीने के लिए स्वागत किए जाने पर अब तक 1500 आतंकी अपने हथियार डाल चुके हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का का कहना है कि कंपनी के सह-संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति के साथ उनका हमेशा एक हार्दिक और गर्मजोशी भरा रिश्ता रहा है।
देश की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के बड़े अधिकारियों में मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं। संस्थापकों और प्रबंधकों के बीच खीचतान उभरकर सामने आ गई है। कुछ दिनों पहले संस्थापक नारायणमूर्ति ने कहा था कि वह इस तरह की कार्यप्रणाली से दुखी हैं। इसके बाद भी अब तक स्थिति में सुधार नहीं आया है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के परमाणु हथियारों के जखीरे को मजबूती और विस्तार देने से जुड़ा जो ट्वीट किया है, वह ओबामा प्रशासन के खिलाफ बड़े नीतिगत बदलाव का संकेत देता है। ओबामा प्रशासन परमाणु हथियारों में कमी लाने और अंतत: उसके उन्मूलन पर जोर देता रहा है।
भारत ने आतंकवादी संगठनों के हाथों में रसायानिक हथियारों के पहुंचने पर गहरी चिंता जतायी है और कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को भविष्य में ऐसे हथियारों के किसी भी इस्तेमाल की संभावना को रोकने के लिए त्वरित उपाय करना चाहिए एवं निर्णायक कदम उठाना चाहिए।
डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के जिहादियों के हाथों में जाने की आशंका को लेकर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि यह एक खतरनाक परिदृश्य होगा।
पाकिस्तान के अधीन कश्मीर (पीओके) तथा गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों से संबंध जोड़ने और उसको बढ़ाने की दिशा में देश की मोदी सरकार जोर शोर से तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार देश में रह रहे पीओके के विस्थापित लोगों के लिए 2,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने वाली है।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को गर्म-मिजाज बताते हुए कहा कि परमाणु हथियार को ले कर उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने के भारत के प्रयास का विरोध कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने झिड़कते हुए बताया है कि भारत का यह प्रयास हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं, बल्कि परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के बारे में है।