कांग्रेस ने अगस्तावेस्टलैंड सौदे में सोनिया गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमले को खारिज कर दिया और उनसे पहले अपनी शैक्षणिक योग्यताओं पर सफाई देने की मांग की जिस पर विवाद खड़ा हो गया है।
निर्देशक अश्वनी अय्यर तिवारी विज्ञापन फिल्में बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। पहली बार उन्होंने फीचर फिल्म निर्देशित की है। मां-बेटी के रिश्ते को उन्होंने बहुत ही खूबसूरती से दिखाया है।
अगर शेर, बाघ और अन्य पशु बोलने लगें तो क्या होगा। शायद वह यही कहें, प्लीज हमें बक्श दो। मध्य प्रदेश के कार्टूनिस्ट हरिओम तिवारी ने बाघों पर आधारित कार्टून बनाए और टाइगर स्पीक नाम से दिल्ली में लोगों तक यह बात पहुंचाने की कोशिश की कि उन्हें भी चैन चाहिए हमारी तरह।
राज्यसभा में बुधवार को दूसरे दिन भी भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्ति चिदंबरम से जुड़े भ्रष्टाचार मामले पर जबर्दस्त हंगामा किया। इसके जवाब में राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार पटेल को सस्ती दर पर जमीन देने का मुद्दा सदन में उठाया। वहीं संसद के दोनों सदनों में इशरत का मुद्दा गरमाया रहा।
साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव में ‘गांधी, आंबेडकर, नेहरू: निरंतरता तथा अलगाव’विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतीय इतिहास और संस्कृति की प्रख्यात अध्येता कपिला वात्स्यायन ने अपनी बात रखी।
देश में चाहे जितना भी गदर मचा हो मगर कला की दुनिया कभी सरहद नहीं मानती। नई फिल्म रिदम के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान के कलाकार भारत आए हैं और उन्हें यह देश भी अपने घर की तरह ही लगता है।
16 दिसंबर की शाम हिंदी भवन, दिल्ली में किताबघर प्रकाशन के संस्थापक पं. जगत राम आर्य के जन्मदिन पर कथाकार विवेक मिश्र को उनके उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ के लिए ‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान 2015’ प्रदान किया गया। यह सम्मान हर साल साहित्य की किसी एक विधा को प्रकाशन के संस्थापक श्री जगत राम आर्य की स्मृति में दिया जाता है। इस बार उपन्यास विधा की पांडुलिपियां आमंत्रित की गई थीं। तीन सदस्य के निर्णायक मंडल, असगर वजाहत, प्रताप सहगल तथा अखिलेश ने विवेक मिश्र के उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ को इस सम्मान के लिए चुना।
आज साहित्य अकादमी का नजारा कुछ बदला-बदला सा है। ‘लेखकों का यह घर’ मीडिया कर्मियों के जमावड़े से गुलजार था। लेखक प्रदर्शनकारियों के बाने में थे। पहली बार हुआ कि अकादमी की इमारत में जाने के लिए पहचान पूछी जा रही थी।
लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए साहित्य अकादमी ने आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य एवं केंद्र सरकारों से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने की अपील की।