महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी के लिए हाय-हाय करती जनता के लिए अच्छी खबर है कि विश्व संपन्नता रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2025 तक करोड़पतियों की संख्या दो गुनी हो जाएगी। यह संख्या अभी 2 लाख 36 हजार है।
बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरूख खान और अक्षय कुमार विश्व के उन सिलेब्रिटी में शामिल हैं, जिन्होंने वर्ष 2016 में सर्वाधिक कमाई की। फोर्ब्स द्वारा जारी इस सूची में शीर्ष पर अमेरिकी गायिका टेलर स्विफ्ट हैं जिनकी कमाई 17 करोड़ डॉलर रही।
दलितों की शिक्षा, अंग्रेजी के बोलबाले की वकालत से लेकर दलितों के खाने तक के लिए अलग अंदाज में बैटिंग करने के लिए मशहूर चंद्रभान प्रसाद अब दलित खाने की मार्केटिंग के साथ सामने आए हैं। पेश है दलित फूड्स डॉट कॉम नाम से एक अलग कंपनी शुरू करने वाले दलित चिंतक और अब उद्यमी चंद्रभान प्रसाद से आउटलुक ब्यूरो प्रमुख से बातचीत (वीडियो गैलरी में देखें बातचीत)
अंतोइन ग्रिएजमैन के दो गोल की मदद से फ्रांस ने विश्व चैम्पियन जर्मनी को हराकर यूरो कप फुटबाल के फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका सामना पुर्तगाल से होगा।
कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा का आयोजन ओडि़शा के पवित्र शहर पुरी में बुधवार को पूरे उल्लास और धार्मिक रस्मो रिवाज के साथ किया गया। देश और विदेश के लाखों श्रद्धालु इस शहर में नौ दिनों तक चलने वाली भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा देखने के लिए उमड़ पड़े।
देश में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के बीच पंजाब कांग्रेस ने कहा कि महंगाई पर 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्राी मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगने वाली भारताीय जनता पार्टी अब मसले पर चुप क्यों है। देश में खाने पीने की चीजों के दामोंं में बेतरतीब बढ़ाेतरी हो रही है। ऐसे में भाजपा को इस पर देशवासियों को कुछ तो बताना चाहिए कि आखिर महंगाई क्यों बढ़ रही है।
देश बड़ा है या क्लब ? जो लोग लियोनेल मेसी के खेल में कोई कमी नहीं ढूंढ़ पाते, वे अंत में यही सवाल उछाल देते हैं। जैसा कि इन दिनों हो रहा है। आलोचक आंकड़ों के जरिये यह कुतर्क दे रहे हैं कि लियोनेल मेसी का दिल देश के लिए नहीं, क्लब के लिए धडक़ता है। क्लब के लिए वह जी-जान एक कर देते हैं लेकिन देश के लिए उनके मन में तरंगें तक नहीं उठतीं। और यह सब ऐसे खिलाड़ी के लिए कहा जा रहा है जो कई वर्षों से अर्जेंटीना की टीम की ताकत बना हुआ है। जिसके बूते अर्जेंटीना की टीम विश्वकप फाइनल खेलती है, लगातार दो बार कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंची है। कोई यह सवाल नहीं उठाता कि अर्जेंटीना तो फाइनल में पहुंचने लायक ही नहीं थी लेकिन इसके बावजूद मेसी उसे यहां तक ले आए। हां, फाइनल न जीत पाने का ठीकरा आलोचक जरूर उनके सिर पर फोड़ते रहे हैं। देश उनके लिए क्या है? यह उनका संन्यास का फैसला ही बता देता है।
दुनिया में भले ही हर तरफ विकास की बात कही जा रही है लेकिन नवजात बच्चों की दुर्दशा पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। या यूं कहें कि विश्व का मानव समाज इस मसले पर मौन होकर अपनी हार स्वीकार करता जा रहा है। मानव समुदाय एक तरह से नवजात श्िाशुओं की हिफाजत नहीं कर पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की ताजा रिपेार्ट में कहा गया है कि दुनिया में विभिन्न तरह के संक्रमण की वजह से पैदा होने के साथ ही दस लाख बच्चों ने दम तोड़ दिया।