पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद में एक फीसदी की कमी से 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान है, जबकि दो फीसदी की गिरावट तीन लाख करोड़ रुपये का नुकसान है।
वैश्वीकरण का लाभ केवल दुनिया के धनी लोगों को ही मिलने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच भारत के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी ने खुली बाजार अर्थव्यवस्था का पक्ष लिया और कहा कि संपत्ति सृजन को रोका नहीं जाना चाहिये क्योंकि समाज में संपत्ति वितरण के लिये संपत्ति सृजन जरूरी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति और औद्योगिक नवप्रवर्तन के लिये तैयार है।