उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को बलात्कार के एक मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही अदालत ने एम्स को एक मेडिकल बोर्ड गठित कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति पता करने को कहा।
आसाराम के कथित अनुयायी कार्तिक हलदर ने एके 47 राइफल खरीदने की योजना बनाई थी ताकि वह अन्य गवाहों की भी हत्या कर सके। संदेह है कि आसाराम और उनके पुत्र नारायण साईं के खिलाफ बलात्कार के दो मामलों के तीन प्रमुख गवाहों की गोली मारकर हत्या हलदर ने ही की है।
करीब दो तीन दिन पहले आसाराम ने देश के कानून को अंधा बताया था। अब उनके अंध भक्त समर्थकों ने दिल्ली के पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन पर अपने बापू की रिहाई की मांग करते हुए जमकर बवाल काटा। आसाराम करीब ढाई साल से नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ के मामले में जोधपुर की जेल में बंद हैं।
कथावाचक आसाराम द्वारा एक लड़की से कथित दुराचार प्रकरण के अहम गवाह कृपाल सिंह की बीते दिनों शाहजहांपुर में हुई हत्या के बाद पुलिस प्रशासन ने मामले के एक अन्य साक्षी को सुरक्षा उपलब्ध कराई है।
एक किशोरी के साथ कथावाचक आसाराम द्वारा कथित दुष्कर्म प्रकरण के गवाह कृपाल सिंह की शाहजहांपुर में बदमाशों की गोली लगने के बाद शनिवार देर रात मौत हो गई। इस मामले में गवाहों पर यह नौवां हमला और दूसरी मौत है।
नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका अदालत ने शनिवार को फिर खारिज कर दी। छठी बार आसाराम की जमानत याचिका ठुकराई गई है। जोधपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने 73 वर्षीय आसाराम की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के अपराध में आरोपी जमानत का हकदार नहीं है।