रघुराम राजन ने अपनी किताब 'I Do What I Do: On Reforms Rhetoric and Resolve' में नोटबंदी से जुड़ी कई बातों का भी उल्लेख किया है। किताब में राजन ने लिखा है कि उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी आरबीआई ने नोटबंदी पर फैसला नहीं लिया था।
सीबीआई द्वारा 2004 में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इसकी जांच शुरू की थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई जांच में पता चला कि प्रसाद ने जगनमोहन रेड्डी को अलग-अलग कंपनियों में निवेश के रूप में 779.50 करोड़ रुपए की रिश्वत दी।