आज के समय में जहां बच्चे पढ़ाई के दम पर अपने भविष्य को संवारने में जुटे हुए हैं, वहीं शुक्रवार को एक ऐसी घटना सामने आई जिसने लोगों को चौंका दिया है। पिछले चार सालों से दो भाई-बहनों ने पढ़ाई के खौफ से खुद को कमरे में बंद कर लिया थ्ाा।
एक मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी, हिरासत या कैद की वैधता से संबंधित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर तुरंत ध्यान देने के साथ ही उस पर अविलंब निर्णय के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
चालाकी दिखाते हुये कर अदायगी से बचने वालों की बढ़ती तादाद के मद्देनजर आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे आरोपियों को हिरासत में लेने, उनकी जब्त संपत्तियों की नीलामी के प्रावधान का उपयोग करने में हिचकिचाहट नहीं दिखायें।