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अभी नहीं आए हैं अच्छे दिन: पूर्व न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े

अभी नहीं आए हैं अच्छे दिन: पूर्व न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एन. संतोष हेगड़े का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी प्रयास किए हैं, लेकिन अच्छे दिन अभी नहीं आए हैं। न्यायमूर्ति को लगता है कि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार को जनता को बताना चाहिए कि वे काला धन वापस लाने का चुनावी वादा पूरा करने में क्यों असमर्थ हैं।
सिंहस्थ नगरी में हालात सामान्य, शिवराज ने भी किया श्रमदान

सिंहस्थ नगरी में हालात सामान्य, शिवराज ने भी किया श्रमदान

प्राकृतिक प्रकोप से तबाह होने के बाद सिंहस्थ नगरी में स्थिति तेजी से सामान्य की ओर लौट रही है। साधू-संतों से लेकर प्रशासन भी धार्मिक नगरी में जारी सिंहस्थ कुंभ को कामयाब बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है। शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद कमान संभाली औऱ मेला क्षेत्र में पत्नी के साथ मिलकर श्रमदान भी किया।
जम्मू कश्मीर सरकार में पीडीपी के साथ कौन, छात्रों को सही विकल्प ही नहीं

जम्मू कश्मीर सरकार में पीडीपी के साथ कौन, छात्रों को सही विकल्प ही नहीं

जम्मू कश्मीर सरकार को तब शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब कक्षा दसवीं के प्रश्न पत्र में छात्रों से राज्य में पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने वाली पार्टी का नाम पूछा गया लेकिन चार विकल्पों में से किसी भी विकल्प में भाजपा का नाम नहीं था।
जॉन को सही लगता है नाना का गुस्सा

जॉन को सही लगता है नाना का गुस्सा

नाना पाटेकर को उनके गुस्सैल मिजाज के लिए जाना जाता है, लेकिन वेलकम बैक के उनके साथी कलाकार जॉन अब्राहम का कहना है कि नाना बहुत ईमानदार हैं और उन्हें उनके गुस्से पर बिलकुल गुस्सा नहीं आता है।
वेलकम बैक में फिर हंसाएगे नाना

वेलकम बैक में फिर हंसाएगे नाना

चेहरे से सख्त दिखने वाले नाना पाटेकर को जब दर्शकों ने वेलकम में एक मजाकिया डॉन की भूमिका की थी तब दर्शक आश्चर्यचकित रह गए थे। अब जल्द ही नाना पाटेकर फिर से ऐसी ही मजाकिया भूमिका में दिखाई देंगे। निर्देशक अनीस बज्मी की वेलमक बैक में नाना का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है।
कागज-कलम की आदत नहीं बदल सकता: गुलज़़ार

कागज-कलम की आदत नहीं बदल सकता: गुलज़़ार

बीते पचास से भी ज्यादा वर्ष से शायरी और फिल्मी गीत लिख रहे गुलज़ार वैसे तो आधुनिक पीढ़ी के साथ लगातार तालमेल बिठाते रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि वह कलम से कागज पर लिखने की अपनी पुरानी आदत नहीं बदल सकते।
‘फिल्म के पैसे मैं क्यों दान दूं’: अक्षय

‘फिल्म के पैसे मैं क्यों दान दूं’: अक्षय

‘गब्बर इज बैक’ का दर्शकों के साथ अक्षय को भी बेसब्री से इंतजार है। अक्षय की प्रतिष्ठा इस फिल्म के साथ जुड़ी हुई है। फिल्म के प्रदर्शन से पहले इससे जुड़ी खबरें तरह-तरह से सामने आती हैं
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