मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मन की बात नहीं करते बल्कि काम की बात करते है और वह उत्तर प्रदेश के बेटे है और प्रदेश का विकास करना चाहते है। वे काम करना चाहते है।
पाकिस्तान के एक न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तानी कैदी भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या के बहुचर्चित मामले में बहुत कम प्रगति हुई है। न्यायाधीश ने अदालत के साथ सहयोग न करने के लिए पुलिस को फटकार लगाई और जेल के एक अधिकारी को गिरफ्तार करने के आदेश भी दिए।
आईएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी की एसीआर लिखने की जिद पर अड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की ओर से जोर का झटका लगा है। चतुर्वेदी को नड्डा के खिलाफ अवमानना केस करने की अनुमति मिल गई है।
भारतीय मूल के एक छात्र द्वारा आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के खिलाफ निराशापूर्ण तरीके से खराब और उबाउ पढाई का कानूनी वाद दायर किये जाने के बाद विश्वविद्यालय को सुनवाई का सामना करने का निर्देश दिया गया है।
वैश्वीकरण का लाभ केवल दुनिया के धनी लोगों को ही मिलने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच भारत के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी ने खुली बाजार अर्थव्यवस्था का पक्ष लिया और कहा कि संपत्ति सृजन को रोका नहीं जाना चाहिये क्योंकि समाज में संपत्ति वितरण के लिये संपत्ति सृजन जरूरी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति और औद्योगिक नवप्रवर्तन के लिये तैयार है।
लोक लेखा समिति (पीएसी) ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल से पूछा है कि शक्तियों का गलत उपयोग करने के लिए क्यों न आप पर मुकदमा चलाया जाए और आपको पद से हटा दिया जाए। नोटबंदी पर जवाब देने के लिए 20 जनवरी को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल समेत अन्य अफसरों को तलब किया गया है। समिति ने पटेल को 10 सवालों की एक प्रश्नावली भेजी थी।
एलिस्टेयर कुक ने आज कहा कि वह भारत के खिलाफ श्रृंखला में शिकस्त को देखते हुए अपनी टेस्ट कप्तानी को खेलकर कोई बेवकूफाना फैसला नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें यह सोचने की जरूरत है कि क्या वह कप्तान की भूमिका में सही व्यक्ति हैं।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने कथित रूप से असंयमित भाषा का इस्तेमाल करने और न्यायपालिका को बदनाम करने के मामले में अपने खिलाफ अवमानना मामले की शीघ्र सुनवाई के लिये आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
बाॅलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने कहा है कि महिलाओं को चुपचाप अत्याचारों को सहन करने के बजाय उनके खिलाफ होने वाले वैवाहिक बलात्कार एवं अन्य तरह के अपराध जैसे मुद्दों पर निश्चित तौर पर आवाज उठानी चाहिए। अभिनेत्राी का कहना है कि कभी कभी यहां तक कि शिक्षित महिलाएं भी सामाजिक नियम कायदों के दबाव में घुटती रहती हैं और एेसे मुद्दों पर खामोशी ओढ़ लेती हैं, लेकिन एेसे मामलों में उन्हें आवाज उठानी चाहिए।