लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की चर्चा लंबे समय से थी। इसमें फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने इस फिल्म में इतने कट सुझाए थे कि फिल्म की रील छलनी की तरह ही निकल कर आती।
एक लड़का था बरेली का, कम उम्र में मां को खो दिया। मां का जाना,पिता से बर्दाश्त न हुआ तो पिता ने अपना मनसिक सन्तुलन खो दिया। फिर कुछ ही दिनों में ननिहाल, बिजनौर (उत्तर प्रदेश) चला आया।
जेएनयू में एमफिल और पीएचडी की सीटें घटाने के विवाद पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अपनी दलीलें हैं लेकिन वह कहते हैं कि उनके लिए देश में उच्च शिक्षा और शोध को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है।
लंबे समय से विवादों में फंसी फिल्म अंततः 28 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो ही जाएगी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा था। निर्माता प्रकाश झा और निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने फिल्म की रीलिज के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेट न दिए जाने के बाद इस फिल्म और इसके निर्माता प्रकाश झा के विरोध में फतवा जारी कर दिया है। भोपाल में मुस्लिम त्योहार कमेटी की मजलिस ए शूरा ने फतवा जारी किया है। फतवे में फिल्म निर्माता प्रकाश झा को भोपाल न आने की चेतावनी भी दी गई है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा है कि मणिपुर में आर्थिक नाकेबंदी कांग्रेस का खेल है और वह इसे सुलझाने के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि राजमार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भेजे गए केंद्रीय बलों को मुख्यमंत्री बैरकों में ही रखे हुए हैं।
योग गुरू रामदेव नेपाल में कथित निवेश को लेकर विवादों में फंस गए हैं क्योंकि मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पतंजलि आयुर्वेद समूह ने बिना आधिकारिक मंजूरी के भारत के पड़ोसी देश में 150 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।