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Search Result : "changes in the corporate sector"

ब्रेक्जिट से भारतीय आईटी कंपनियों के लिए कुछ समय तक अनिश्चितता : नास्कॉम

ब्रेक्जिट से भारतीय आईटी कंपनियों के लिए कुछ समय तक अनिश्चितता : नास्कॉम

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने से देश के 108 अरब डालर के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग को कुछ समय के लिए अनिश्चितता की स्थिति से जूझना पड़ सकता है।
डीआरडीओ विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा को तैयार : महानिदेशक

डीआरडीओ विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा को तैयार : महानिदेशक

रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।
चोरी और सीनाजोरी, माल्‍या बोले बिना कानूनी आधार के मेरे खिलाफ हो रही कार्रवाई

चोरी और सीनाजोरी, माल्‍या बोले बिना कानूनी आधार के मेरे खिलाफ हो रही कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय :ईडी: द्वारा खुद की और अपनी एक कंपनी की ।,411 रूपये की संपत्ति कुर्क किए जाने के एक दिन बाद शराब कारोबारी विजय माल्या ने सोमवार को कहा कि एेसी कार्रवाई का ना तो कोई औचित्य है, ना ही कोर्इ कानूनी आधार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां उनके खिलाफ अत्यधिक पूर्वाग्रह से काम कर रही है। माल्या ने कहा, मनी लाउंडिंग प्रीवेंशन एक्ट :पीएमएलए: के तहत जो संपत्ति कुर्क की गई है वह किंगफिशर एयरलाइन के शुरू होने से कई साल पहले की है। ईडी द्वारा की गई सिलसिलेवार कार्रवाई के पीछे कोई औचित्य या कानूनी आधार नहीं है। ईडी बैंकों का पैसा चुकाने के लिए संसाधन जुटाने को अब और मुश्किल बना रही है।
राजन के सेवा विस्तार मुद्दे पर ऑनलाइन चर्चा भी गर्म

राजन के सेवा विस्तार मुद्दे पर ऑनलाइन चर्चा भी गर्म

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन के सेवा विस्तार पर राजनीतिक और उद्योग जगत में जारी चर्चा के बीच अब यह मामला इंटरनेट पर भी मामला गरमा गया है। इस समय सोशल मीडिया में कम से कम सात ऑनलाइन अपीलें राजन के विस्तार के समर्थन में घूम रही हैं। इन अपीलों पर अब तक 60,000 से अधिक हस्ताक्षर हो चुके हैं।
काल ड्राप का पंगा, कंपनियों ने लिया नई तकनीक का सहारा

काल ड्राप का पंगा, कंपनियों ने लिया नई तकनीक का सहारा

सेवाओं की खराब गुणवत्ता की शिकायतों से बचने के लिए दूरसंचार कंपनियों ने अब एक नई तकनीक का सहारा लिया है। इसके तहत किसी कॉल के दौरान कनेक्शन टूटने या दूसरी तरफ से आवाज सुनाई नहीं देने की स्थिति में भी कॉल कनेक्टेड दिखती है।
रघुराम राजन से आखिर क्यों नाराज हैं सुब्रह्मण्यम स्वामी

रघुराम राजन से आखिर क्यों नाराज हैं सुब्रह्मण्यम स्वामी

सीधे-सीधे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर पर हमला बोलने के पीछे के कारणों पर कयास जारी, क्या इसकी वजह राजन के कठोर कदम हैं, जिससे नाराज हैं बड़े कॉरपोरेट
कंपनी कर की दर घटाने, रियायतें खत्म करने की शुरुआत हो सकती है बजट में

कंपनी कर की दर घटाने, रियायतें खत्म करने की शुरुआत हो सकती है बजट में

उद्योग व्यवसाय जगत के विशेषज्ञों ने कहा है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बार के बजट में कार्पोरेट कर की दर में कटौती और उद्योगों को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की कर रियायतों को धीरे-धीरे वापस लेने की शुरुआत कर सकते हैं। इसके साथ ही खास कर वेतनभोगी वर्ग की क्रयशक्ति बढाने के लिए व्यक्तिगत आय पर कर छूट की सीमा को मौजूदा ढाई लाख से कुछ ऊपर की जा सकती है।
कार्पोरेट कर में कटौती का पहला चरण अगले बजट में पेश होगा: जेटली

कार्पोरेट कर में कटौती का पहला चरण अगले बजट में पेश होगा: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार कार्पोरेट कर घटाकर 25 प्रतिशत करने की योजना के तहत अगले कुछ दिनों में कर छूटें खत्म करने का खाका पेश करेगी। इसके पहले चरण की घोषणा बजट में होगी।
डीडीसीए विवादः कीर्ति आजाद ने दिल्ली के कंपनी रजिस्ट्रार को घेरा

डीडीसीए विवादः कीर्ति आजाद ने दिल्ली के कंपनी रजिस्ट्रार को घेरा

भाजपा के लोकसभा सांसद और देश के जाने-माने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने दिल्ली क्षेत्र के कंपनी रजिस्ट्रार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के नाम पर कंपनी रजिस्ट्रार एवं उनकी टीम ने लीपापोती की है।
चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्‍याज मुक्‍त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्‍य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्‍ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।
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