डेंगू व चिकनगुनिया के बढते कहर को देखते हुए एनजीटी ने दस वकीलों को नियुक्त किया है। यह वकील स्थानीय आयुक्त की भूमिका निभाएंगे तथा डेंगू के खतरे के साथ जांच और बचाव की तैयारी की रिपोर्ट सौपेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक और परेशानी में पड़ गए हैं। सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय स्थित स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के दफ्तर पर गुरुवार को छापा मारा है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय के उपयोग में लाए जा रहे डीडीयू मार्ग के बंगला नंबर 206 राउज एवेन्यू का आवंटन रद्द कर दिया है। दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव से पहले मिली इस सूचना से ‘आप’ भड़क गई है। पार्टी ने कहा कि उससे ही उपराज्यपाल की इतनी दुश्मनी क्यों है? आम आदमी पार्टी से इतना भेदभाव क्यों है? आप ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया है कि उसे कुछ लोग दिल्ली के अंदर काम नहीं करने देना चाहते?
दिल्ली का कनॉट प्लेस कार्यालय के लिये स्थान लेने के मामले में दुनिया का नौंवा सबसे महंगा स्थान है। इसका सालाना किराया 105.71 डॉलर प्रति वर्गफुट तक पहुंच गया है। संपत्ति सलाहकार कंपनी सीबीआरई ने यह जानकारी दी है।
भारत और पाकिस्तान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और दोनों ने संघर्ष-विराम उल्लंघनों को लेकर चिंता जाहिर करने के लिए आज फिर एक दूसरे के उप उच्चायुक्तों को तलब किया। वहीं भारत ने इस्लामाबाद में अपने आठ अधिकारियों की सूचना सार्वजनिक किए जाने के तरीके पर विरोध दर्ज कराया जिससे उनकी सुरक्षा को खतरे में डाला गया।
दिल को छू लेने वाली एक पहल के तहत महाराष्ट्र में एक जिलाधिकारी ने बिल्कुल ही निराले अंदाज में सेवानिवृत्त हो रहे अपने ड्राइवर का सम्मान किया। जिलाधिकारी ने ड्राइवर को अपनी सजी-धजी सरकारी गाड़ी में पिछली सीट पर बिठाया और खुद गाड़ी चलाकर कार्यालय तक लेकर गए। सेवानिवृत्ति के दिन अपने उच्चाधिकारी से ऐसी सम्मानजनक विदाई पाकर चालक भाव विह्वल हो उठा।
जल्द ही लोग सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के स्तर के बारे में जान सकेंगे। दरअसल, पहली बार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) 25 संगठनों में रिश्वत के बारे में विचार जुटाने के लिए एक जन धारणा सूचकांक (पब्लिक परसेप्शन इंडेक्स) लाने जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने से राष्ट्रीय पार्टियों को लाभ होगा लेकिन छोटे क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका गौण होगी जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
बंबई उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि सूचना के अधिकार कानून के तहत राज्य मुख्य सूचना आयुक्त को शक्ति है कि वह आयोग के काम-काज सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सूचना आयुक्तों का तबादला एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में कर सकता है।