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रोहित आत्महत्याः दलित - गैर दलित के बीच मुद्दे को फंसाने का दांव

रोहित आत्महत्याः दलित - गैर दलित के बीच मुद्दे को फंसाने का दांव

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) में उत्पीड़न की वजह से आत्महत्या करने वाले छात्र रोहित वेमुला को इंसाफ दिलाने के लिए देश भर से उठ रही आवाजें
रोहित की आत्महत्या के खिलाफ आक्रोश की गूंज कई देशों में

रोहित की आत्महत्या के खिलाफ आक्रोश की गूंज कई देशों में

अमेरिका से लेकर लंदन और रोम में विरोध प्रदर्शनों में भारत में दलित छात्रों के उत्पीड़न का मुद्दा बना अंतर्राष्ट्रीय चर्चा का विषय
आत्महत्याः फूटा अंतर्राष्ट्रीय बुद्धिजीवियों और भाजपा दलित नेतृत्व का गुस्सा

आत्महत्याः फूटा अंतर्राष्ट्रीय बुद्धिजीवियों और भाजपा दलित नेतृत्व का गुस्सा

दुनिया भर के 129 स्कॉलर ने पत्र लिख बाकी चार निलंबित दलित छात्रों को वापस लेने की मांग की, भाजपा में दलित नेतृत्व पनपा असंतोष
चेन्नै आपदाः राहत की छुआछूत

चेन्नै आपदाः राहत की छुआछूत

मलबा हटाने, जोखिम भरी सफाई करने के लिए चेन्नै में हजारों दलितों को उतारा जा रहा है, मानो ये काम सिर्फ उनका है और उधर राहत वितरण में हो रहा है उनसे भेदभाव
बयान पर अटल आमिर, देश छोड़ने का इरादा नहीं

बयान पर अटल आमिर, देश छोड़ने का इरादा नहीं

देश में बढ़ रही असहिष्णुता के माहौल को लेकर सोमवार को दिए अपने बयान पर मचे बवाल के बाद बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने आज एक बयान जारी कर कहा है कि वह अपनी बातों पर कायम हैं लेकिन उनका और उनकी पत्नी का देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।
असहिष्‍णुता पर बयान देकर चौतरफा घिरे आमिर खान

असहिष्‍णुता पर बयान देकर चौतरफा घिरे आमिर खान

देश में असहिष्णुता के कारण बढ़ती बेचैनी पर अपनी टिप्पणी के लिए अभिनेता आमिर खान चौतरफा आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं। जहां भाजपा ने उनके बयान को देश को बदनाम करने की कांग्रेस की गहरी राजनीतिक साजिश करार दिया वहीं हिंदू सेना ने मुंबई स्थित उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर उनसे टिप्पणी वापस लेेने की मांग की।
परदेस में नरेंद्र मोदी के स्वागत और विरोध के तीखे स्वर

परदेस में नरेंद्र मोदी के स्वागत और विरोध के तीखे स्वर

भारत के जमीनी मुद्दों की गूंज प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं में सुनाई देने लगी है, ब्रिटेन की यात्रा में दोनों पक्षों की तैयारियां पूरी
हिंदू कॉलेज में जीवंत हुए प्रेमचंद

हिंदू कॉलेज में जीवंत हुए प्रेमचंद

प्रेमचंद ने जातिभेद पर तीखा प्रहार किया है जो हमारे समाज के लिए आज भी रोशनी का स्रोत है। कफन और सद्गति से काफी पहले मुक्ति मार्ग में वह इस समस्या से गंभीर मुठभेड़ कर चुके थे और उनका लेखन इस समस्या को दिखाता ही नहीं बल्कि इसे हल करने की दिशा भी देता है।
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