हिंदू मुस्लिम एकता की प्रतीक अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक मुखिया सईद जैनुल अबेदिन को उनके भाई ने गायों पर दया दिखाने, यानी गौवध और गौमांस की बिक्री पर प्रतिबंध का समर्थन करने के लिए मुखिया पद से हटा दिया। अबेदिन के छोटे भाई सईद अलाउदीन अलीमी ने दावा किया कि उनके इस कदम में उनका परिवार साथ है। उन्हेंने खुद को दरगाह का नया दीवान घोषित कर लिया है। राजस्थान के अजमेर में स्थित यह दरगाह बहुत प्रसिद्ध है और पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं। यहां हिंदू दर्शनार्थियों की संख्या मुस्लिम समुदाय के लोगों के बराबर ही होती है।
मुस्लिमों से बीफ छोड़ने की अपील और पीएम मोदी से बीफ को पूरे देश में बैन करने की मांग अजमेर दरगाह के दीवान को भारी पड़ गई है। उन्हें दरगाह के दीवान के पद से हटा दिया गया है।
सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने केंद्र सरकार से देश में गौवंश के वध और इनके मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।
पूजा के स्थलों में लैंगिक समानता के अभियान की जीत के प्रतीक के तौर पर महिलाओं को एक बेहतर सफलता परवान चढ़ी है। महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मुंबई के पवित्र हाजी अली दरगाह के भीतर मजार तक प्रवेश कर वहां जियारत की। कोर्ट के फैसले के बाद दरगाह ट्रस्ट बोर्ड ने दरगाह मेंं मजार तक महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी।
हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया है कि पुरूषों की ही तरह महिलाओं को भी मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थान पर प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही ट्रस्ट ने जरूरी अवसंरचनात्मक बदलाव करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है।
मुंबई की हाजी अली दरगाह में अब महिलाओं को भी प्रवेश मिल सकेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसलेे में दरगाह ट्रस्ट की ओर से दरगाह के भीतरी गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को अनावश्यक माना और उस पर लगा प्रतिबंध हटा दिया। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब महिलाएं दरगाह में चादर चढ़ा सकेंगी।
स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने को लेकर बरेली स्थित दरगाह आला हजरत ने अपने एक अहम फतवे में कहा है कि जश्न-ए-आजादी पर झंडा फहराने या जश्न मनाने में किसी तरह का कोई हर्ज नहीं है। फतवे में मुसलमानों से कहा गया है कि आजादी के जश्न में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें।