बंगाल की खाड़ी के ऊपर भारतीय वायु सेना के लापता हुए एएन-32 विमान की तलाश जारी है। तलाशी अभियान की निगरानी के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर चेन्नई पहुंच गए हैं।
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर भी विवादों में घिरते नजर आ रहेे हैं। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार सचिन तेंदुलकर ने मसूरी में अपने दोस्त और बिजनेस पार्टनर संजय नारंग के एक अवैध निर्माण को बचाने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मदद की गुजारिश की थी। नारंग नेे मसूरी में भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ काम्प्लेक्स के पास सुरक्षा के लिहाज से नो कंस्ट्रक्शन जोन में रिसार्ट बनाया है। इस अवैध निर्माण को बचाने के लिए ही सचिन ने पर्रिकर से मदद मांगी थी।
क्रिकेटर से राज्यसभा सांसद बने सचिन तेंदुलकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि मसूरी स्थिति विवादित भूमि के मामले में उनका किसी तरह का हित नहीं जुड़ा है। हालांकि उन्होंने पुष्टि की है कि उन्होंने उस बैठक में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने मसूरी में अपने दोस्त के आवास के संबंध में हो रही परेशानियों को सुलझाने में मदद का आग्रह किया था।
भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड में सोमवार को हुई गोलीबारी की घटना पर गहरा अफसोस जताया जिसमें तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी। सेना ने इस घटना की जांच का भी आदेश दिया है।
दक्षिण कोरिया में एक अमेरिकी मिसाइल रोधी प्रणाली तैनात करने की वाशिंगटन और सियोल की घोषणा से नाराज उत्तर कोरिया ने कार्रवाई करने की धमकी दी है। दक्षिण कोरिया में यह तैनाती प्योंग्पांग के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए की जानी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी रविवार को एक सप्ताह की अमेरिका की यात्रा पर आएंगे। उनकी यात्रा का लक्ष्य भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अरबों डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करना और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गति देना है।
सरकार को अगले छह महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की उम्मीद है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कहा कि इसके अलावा सरकार उन बीमार कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है जिनका पुनरोद्धार संभव नहीं है।
अमेरिका ने साफ कहा है कि भारत की वृद्धि दर को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। ऐसा मालूम होता है। अमेरिका ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आर्थिक सुधार के संबंध में अपने वादों को पूरा करने की दिशा में धीमी रही है हालांकि उसने नौकरशाही और एफडीआई की रोक कम करने जैसेे अहम कदम उठाए हैंं।
भारत के बैंकिंग क्षेत्र पर मुख्य तौर पर 2011-13 के दौरान अटकी परियोजनाओं के कारण कुछ दबाव है और इन परियोजनाओं की मुश्किलें दूर करने की कोशिशें की जा रही है।