रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोच्चि का जलावतरण किया और कहा कि नौसेना ने अगले 15 साल के लिए स्वेदशी योजना का खाका तैयार किया है।
एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) योजना लागू करने की सरकारी अधिसूचना जारी होने में अभी एक और महीने का समय लग सकता है। शीर्ष रक्षा सूत्रों ने आज कहा कि इसमें दो-चार सप्ताह और लग सकते हैं क्योंकि यह एक विस्तृत मुद्दा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग से 22 अपाशे अटैक हेलीकॉप्टरों और 15 शिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉप्टरों की खरीदारी के सौदे को आज मंजूरी दे दी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नगा शांति समझौते पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों के साथ इस विषय पर विचार-विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार के अहंकार को दर्शाता है। मोदी सरकार के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि तीन राज्यों मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश की आवाज दबाई जा रही है। पूर्वोत्तर के इन तीनों राज्यों में कांग्रेस का शासन है।
केंद्र सरकार की उत्तर पूर्व पर ध्यान देने की नीति के परिणाम दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बांग्लादेश के साथ दशकों से अटके पड़े भूमि समझौते को अंजाम दिया और अब नगालैंड में शांति बहाल करने के लिए वहां के प्रभावशाली संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन) (आईएम) के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस समझौते के बाद अब नगालैंड में बंदूकों की आवाजें खामोश हो जाएंगी और राज्य के विकास को गति मिलेगी।
अब तक चीन भारत को भले ही घोषित रूप से अपने लिए खतरा नहीं मानता रहा हो और भारत के साथ दोस्ती को बढ़ावा देने की बात करता रहा हो मगर अब उसने आखिरकार यह मान लिया है कि उसके हवाई क्षेत्र को भारत से खतरा हो सकता है।
चार दशक से अधिक समय तक इंतजार के बाद भारत और बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते का क्रियान्वयन होने के साथ कल से 162 एन्क्लेवों का आदान-प्रदान शुरू करेंगे।
बांग्लादेश के साथ हुए ऐतिहासिक जमीन सीमा समझौते से 41 साल पुराना विवाद हल होने की उम्मीद है। इससे बांग्लादेश को करीब 10 हजार एकड़ जमीन का फायदा होगा जबकि भारत को सिर्फ 500 एकड़ अतिरिक्त जमीन मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश की पहली यात्रा के दौरान भारत और बांग्लादेश ने ऐतिहासिक समझौते पर मुहर लगाई जिससे कुछ क्षेत्रों के आदान-प्रदान के जरिये 41 वर्ष पुराने भूमि सीमा विवाद का निपटारा हो सकेगा और द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण अड़़चन दूर हो सकेगी।
भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहें कि भूमि विधेयक उनके लिए जीवन मरण का प्रश्न नहीं है मगर केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को फैसला लिया कि भूमि अध्यादेश फिर से जारी होगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को यह अध्यादेश फिर भेजा जाएगा।