सुप्रीम कोर्ट ने अन्नाद्रमुक प्रमुख वीके शशिकला को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
राजनीति में आने तथा नये राजनीतिक दल के गठन का संकेत देते हुए तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने स्पष्ट किया कि वह अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला को स्वीकार नहीं करेंगी।
मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें केंद्र सरकार को दिवंगत अन्नाद्रमुक नेता जे जयललिता को भारत रत्न देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि वह एेसे मामलों में दखल देना नहीं चाहती है।
दिवंगत जे जयललिता की करीबी सहयोगी वी के शशिकला को अन्नाद्रमुक की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति पार्टी की शीर्ष निर्णायक इकाई द्वारा इस संदर्भ में सर्वसम्मति के साथ एक प्रस्ताव पारित करने पर हुई है। यह प्रस्ताव चेन्नई में आयोेजित जनरल काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति के साथ स्वीकार किया गया। पार्टी की महासचिव और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद से यह पद खाली था।
पूर्व मुख्यमंत्राी जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों पर सन्देह व्यक्त करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने संकेत दिया है कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया जिसमें इस मामले की जांच किसी जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति से करवाने का अनुरोध किया गया है। दो सदस्यीय अवकाश पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि क्या हुआ।
तमिलनाडु में एआईएडीएमके पर फूट पड़ने की आशंका है। जयललिता की भतीजी ने शशिकला को पार्टी की जिम्मेदारी देने का विरोध किया है। मंत्री शशिकला पर जिम्मेदारी संभालने का दबाव बना रहे हैं।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर तरह तरह केे सवाल उठ रहे हैं। ओ पनीरसेल्वम, पी रामचंद्रन, थंबीदुरई, ई पलानीस्वामी और शशिकला नटराजन जैसे कई नाम सामने आए लेकिन किसी एक नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के अलावा अन्य राज्यों में सत्ताशीन क्षेत्रीय दलों में भी उत्तराधिकारी को लेकर समस्या है।
साल का आखिरी महीना दिसंबर तमिलनाडु में अक्सर उथल पुथल ले कर आता है। राज्य में सुनामी और बाढ़ की प्राकृतिक आपदाओं का कहर दिसंबर में टूटा तथा अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम जी रामचन्द्रन की मृत्यु और उसके बाद अब अन्नाद्रमुक की प्रमुख और मुख्यमंत्री जे जयललिता का निधन भी दिसंबर माह में ही हुआ।
जयललिता के निधन के बाद अब तीसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने ओ पन्नीरसेल्वम के सामने सबसे बड़ी चुनौती अन्नाद्रमुक को एक साथ जोड़कर रखने की है। करिश्माई व्यक्तित्व वाली पार्टी सुप्रीमो जयललिता की गैरमौजूदगी में अन्नाद्रमुक अब अपने आप को नए सिरे से परिभाषित करने की कोशिश कर रही है।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता की हालत नाजुक होने खबरें आने के बाद अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों के लिए आपात संदेश जारी किया है। संदेश में कहा गया है कि वे अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और स्थानीय घटनाओं की पूरी जानकारी रखें।