दुनिया की बड़ी कंपनियों की फॉर्च्यून 500 सूची में सात भारतीय कंपनियां जगह पाने में कामयाब रही हैं। इनमें इंडियन ऑयल कार्पोरेशन का स्थान सबसे ऊपर रहा है, जबकि ओएनजीसी सूची में स्थान बनाने में नाकाम रही।
रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।
आर्थिक सुधारों को गति देते हुए सोमवार को मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई पॉलिसी) में कई बड़े बदलावों का ऐलान किया। नागरिक उड्डयन और रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि निर्यात में गिरावट मई में रोकी जा चुकी है और अब समय है कि निर्यात को प्रोत्साहन दिया जाए। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में कहा कि अभी निर्यात में तीव्र वृद्धि धीमी रहने की संभावना है पर यह गर्त से उठने लगा है।
ऑनलाइन खरीदे गये सभी खरीद पर एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। मॉडल जीएसटी कानून में यह कहा गया है। जीएसटी के अगले साल अप्रैल से लागू होने की संभावना है। स्थानीय शुल्क के बदले लगने वाला कर उस जगह लगेगा जहां सबसे पहले वित्तीय लेन-देन किया जाएगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सेवा व्यापार को गति देने के लिये व्यवसायियों के लिए वीजा नियमों में व्यापक छूट देने पर जोर दे रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस प्रस्ताव पर गौर कर रहा है। अधिकारी के अनुसार प्रस्ताव वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया तथा गृह मंत्रालय समेत अन्य विभागों के अधिकारियों के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय में चर्चा हुई।
कुछ आर्थिक निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंच ने ई-कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करने का निर्णय किया है।
जाट आंदोलन का फायदा उठाते हुए घरेलू विमानन कंपनियों द्वारा उंचा किराया वसूलने का सिलसिला जारी है। कुछ विमानन कंपनियां अमृतसर-मुंबई मार्ग पर 300 प्रतिशत अधिक यानी 23,000 रुपये तक किराया ले रही हैं। वहीं सरकार ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह विमानन कंपनियों से टिकट के किराये कम करने का सिर्फ आग्रह कर सकती है। मौजूदा जाट आंदोलन के दौरान कई विमानन कंपनियों ने अपने किरायों में असामान्य बढ़ोतरी की है।
केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम और आर्थिक विकास के तमाम वादे के विपरीत देश के निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक मांग में नरमी के बीच दिसंबर 2015 में भारत का निर्यात 14.75 प्रतिशत गिरकर 22.2 अरब डालर रह गया। जबकि व्यापार घाटा बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 11.6 अरब डालर पर पहुंच गया है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में व्यापार घाटा 9.1 अरब डॉलर था।
पिछले कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्यों में जारी कटौती को देखते हुए लगातार तीसरी बार विमान ईंधन यानी एटीएफ के मूल्यों में फिर से 1.2 प्रतिशत की कटौती की गई। वहीं खुले बाजार में बिकने वाली रसोई गैस (एलपीजी) के प्रति सिलेंडर मूल्य में 61.50 रुपये की वृद्धि की गई है।