कथित रूप से धोखाधड़ी से डिग्री हासिल करने के आरोप में कल गिरफ्तार किए गए आप नेता जितेंद्र सिंह तोमर को लेकर आज दिल्ली पुलिस मामले में पूछताछ करने के लिए फैजाबाद पहुंची जबकि खुद तोमर ने इन आरोपों को गलत बताते हुए केंद्र सरकार पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उधर, फैजाबाद की अवध यूनिवर्सिटी ने फिर कहा कि तोमर की स्नातक की डिग्री फर्जी है।
फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार हुए दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर इस मामले में लगातार तोमर का बचाव करने के आरोप लग रहे थे।
कानून की डिग्री हासिल करने में धोखाधड़ी और जालसाजी करने के आरोपों में मंगलवार पूर्वाह्न गिरफ्तार किए गए दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को साकेत कोर्ट ने चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस अब तोमर को दोनों संबंधित यूनिवर्सिटी में ले जाकर जांच करेगी।
केंद्र सरकार ने गुजरात के चर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व अधिकारी राजेंद्र कुमार और उनके तीन सहयोगियों पर मुकदमा चलाने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की मांग को मानने से इंकार कर दिया है। इससे मामले की जांच पर ब्रेक लग सकता है।
बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-
पंजाब सरकार ने सोशल मीडिया द्वारा राज्यों के लोगों से जुड़ने का फैसला किया है। इसके पीछे कारण है कि प्रदेश की जनता तक सरकार की योजनाएं पहुंचाई जा सकें और आम लोगों से सीधे बातचीत की जा सके। सरकार फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और वर्डप्रेस जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी बात रखेगी और जनता से मुखातिब होगी।
गाड़ी चलाते वक्त स्मार्टफोन के इस्तेमाल की प्रवृत्ति इन दिनों तेजी से बढ़ी है। इस प्रवृत्ति से न सिर्फ फोन इस्तेमाल करने वालों की जान को खतरा रहता है बल्कि दूसरे लोग भी बेवजह काल के ग्रास बन जाते हैं। गाड़ी चलाते वक्त स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बचने के लिए चलाई गई मुहिम के तहत एक सर्वे से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।