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क्रिकेटर आंद्रे रसेल बॉलीवुड में शुरू करेंगे अपनी नयी पारी

क्रिकेटर आंद्रे रसेल बॉलीवुड में शुरू करेंगे अपनी नयी पारी

वेस्टइंडीज के आलराउंडर आंद्रे रसेल अपने साथी क्रिकेटर ड्वेन ब्रावो के नक्शे कदम पर चलते हुए संगीत और फिल्मों के क्षेत्र में अपनी नयी पारी शुरू करने वाले हैं।
मैं मुंबई नौकरी मिलने की उम्मीद में आया था - इम्तियाज

मैं मुंबई नौकरी मिलने की उम्मीद में आया था - इम्तियाज

बालीवुड में जब वी मेट, लव आज कल, रॉकस्टार जैसी फिल्मों से अलग पहचान बना चुके निर्देशक इम्तियाज अली का कहना कि जब वह मुंबई आए थे, तो उनका फिल्मकार बनने का कोई इरादा नहीं था, बल्कि किसी काम की तलाश में थे, ताकि वह वहां रह सके।
मुख्यधारा के कलाकारों को डरावनी फिल्मों की कहानियां आकर्षित नहीं करतीं : इमरान

मुख्यधारा के कलाकारों को डरावनी फिल्मों की कहानियां आकर्षित नहीं करतीं : इमरान

इमरान हाशमी भले ही कुछ डरावनी फिल्मों में काम कर चुके हों लेकिन उनका मानना है कि मुख्यधारा के कई कलाकार ऐसी फिल्मों से बचते हैं क्योंकि वे फिल्मों के इस प्रकार को अभिनय वाला नहीं मानते हैं।
रजत कपूर की पहली फिल्म का प्रदर्शन

रजत कपूर की पहली फिल्म का प्रदर्शन

अच्छी फिल्मों का जादू हमेशा बरकरार रहता है। कुछ फिल्में बनती हैं और दर्शकों तक पहुंच नहीं पातीं। ऐसी अच्छी फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है, दृश्यम फिल्म्स के बैनर तले द मास्टर्स ने।
आदित्य-रानी की आदिरा

आदित्य-रानी की आदिरा

एक वक्त था जब रानी मुखर्जी और आदित्य चोपड़ा अपना इश्क स्वीकारने को तैयार नहीं थे। फिर बहुत दिनों बाद खबर आई कि शादी हो गई है। और अब ढोल ढमाके के साथ आदिरा बेबी के कारण फिर चर्चा है कि रानी मुखर्जी मम्मी और आदित्य चोपड़ा पापा हो गए हैं।
शाहरूख का फैन

शाहरूख का फैन

वैसे तो यह फिल्म सन 2016 में आने वाली है। लेकिन हल्ला अभी से शुरू हो गया है। आखिर किंग खान की फिल्म जो ठहरी।
बाहर आ गया सुल्तान

बाहर आ गया सुल्तान

हरियाणा का पहलवान सुल्तान परदे पर आने से पहले ही चर्चा में आ गया है। सलमान ने ट्वीटर पर जब अपनी नई फिल्म सुल्तान का पहला लुक जारी किया तो उनके चाहने वालों ने कुछ ही देर में उनके ट्वीटर पेज की फिजा बदल दी।
गुलजार की लकीरें

गुलजार की लकीरें

28 जून को दिल्ली का सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम गुलजार के चाहने वालों से भरा हुआ था। आखिर गुलजार के नज्मों और कहानियों का मंचन जो होने वाला था।
कागज-कलम की आदत नहीं बदल सकता: गुलज़़ार

कागज-कलम की आदत नहीं बदल सकता: गुलज़़ार

बीते पचास से भी ज्यादा वर्ष से शायरी और फिल्मी गीत लिख रहे गुलज़ार वैसे तो आधुनिक पीढ़ी के साथ लगातार तालमेल बिठाते रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि वह कलम से कागज पर लिखने की अपनी पुरानी आदत नहीं बदल सकते।
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