एक ही सिक्का संस्कृति का
धर्म, आस्था, बाजार, स्त्री यौनिकता और संस्कृति- इन तमाम पहलुओं पर प्रतिगामी और प्रगतिशील सोच में टकराहट तेज हुई है। आक्रामकता, धर्मांधता, अंधविश्वास, बहुसंख्यकवाद और स्त्री विरोधी चेतना का क्रमश: बोलबाला हो रहा है।