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अच्छा नहीं ‘गा’ पाए तो हुई हत्या, गांव छोड़ चुके मुस्लिम परिवारों को अब 'रोटी' के लाले

अच्छा नहीं ‘गा’ पाए तो हुई हत्या, गांव छोड़ चुके मुस्लिम परिवारों को अब 'रोटी' के लाले

राजस्थान के जैसलमेर जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए अस्थाई शिविर में रह रहे 20 मुस्लिम परिवार के लगभग 150 लोग...
इलाहाबाद हाईकोर्ट से बाबा रामदेव को झटका, नोएडा की जमीन पर काम रोकने को कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट से बाबा रामदेव को झटका, नोएडा की जमीन पर काम रोकने को कहा

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पतंजलि योग संस्थान ने नोएडा में पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क बनाने के लिए लीज पर मिली सरकारी जमीन पर लगे 6 हजार पेड़ कटवा दिए जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
कोलकाता में खाने की बर्बादी रोकने की पहल, जरुरतमंदों के लिए खुला पहला FOOD ATM

कोलकाता में खाने की बर्बादी रोकने की पहल, जरुरतमंदों के लिए खुला पहला FOOD ATM

कोलकाता के मशहूर रेस्टोरेंट ‘सांझा चूल्हा’ समूह ने शहर में भूखे, गरीबों और जरुरतमंदों के लिए एक सराहनीय कदम उठाया है।
कैग ने खोली रेलवे में सुधार के दावों की पोल, खाने लायक नहीं रेलवे का खाना

कैग ने खोली रेलवे में सुधार के दावों की पोल, खाने लायक नहीं रेलवे का खाना

देश के 74 रेलवे स्टेशनों और 80 ट्रेनों का ऑडिट करने के बाद ये नतीजा सीएजी ने निकाला है। यह रिपोर्ट शुक्रवार को संसद में पेश की गई।
संसद की कैंटीन के खाने में निकली मकड़ी, लोकसभा अधिकारी बीमार

संसद की कैंटीन के खाने में निकली मकड़ी, लोकसभा अधिकारी बीमार

संसद की कैंटीन के खाने की तारीफ तो हम सभी ने सुनी है, लेकिन आज यहां के खाने में मकड़ी मिलने का मामला सामने आया है। इस खाने को खाने से लोकसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी बीमार पड़ गए हैं।
आदिवासी के घर पहुंचे भाजपा नेता, पिकअप वैन से मंगवाया खाना, पहले ही लगवाए पंखे-जनरेटर

आदिवासी के घर पहुंचे भाजपा नेता, पिकअप वैन से मंगवाया खाना, पहले ही लगवाए पंखे-जनरेटर

केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल की उपलब्धियां गिनाने झारखंड पहुंचे भाजपा नेता एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। चर्चा में आने की वजह कोई और नहीं बल्कि नेताओं का आदिवासी के घर पहुंचकर खाना बाहर से मंगवाकर खाना है।
अगर हम 'झंडू बाम' की जात नहीं पूछते तो 'रूह अफजा' ने क्या बिगाड़ा है?

अगर हम 'झंडू बाम' की जात नहीं पूछते तो 'रूह अफजा' ने क्या बिगाड़ा है?

क्या हम हल्दीराम की भुजिया खाने से पहले यह छानबीन करेंगे कि उस कंपनी में हमारी जात-बिरादरी, धर्म के कितने लोग, किन-किन पदों पर हैं? क्या झंडुु बाम लगाने से पहले भी हम उसकी धर्म-जाति तय करते हैं? अगर ऐसा नहीं है तो फिर रूह अफजा ने क्या बिगाड़ा है। इसकी मिठास में नफरत की चासनी क्यों मिलाई जा रही है?
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