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तिरंगे का अपमान : सुषमा स्‍वराज के कड़े संदेश के बाद अमेजन ने मांगी माफी

तिरंगे का अपमान : सुषमा स्‍वराज के कड़े संदेश के बाद अमेजन ने मांगी माफी

तिरंगे की शक्ल वाले पायदान की बिक्री पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कड़ाई के बाद अमेजन ने भारतीय भावनाओं को ‘ठेस पहुंचाने’ के लिए गुरुवार को खेद जताया और प्रोडक्ट कनाडाई वेबसाइट से हटाने के बारे में स्‍वराज को सूचना दी।
गलत विज्ञापन पर बाबा रामदेव के पतंजलि पर 11 लाख का जुर्माना

गलत विज्ञापन पर बाबा रामदेव के पतंजलि पर 11 लाख का जुर्माना

हरिद्वार में एक स्थानीय अदालत ने बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद की पांच उत्पादन इकाइयों पर उसके उत्पादों के गलत प्रचार एवं भ्रामक विज्ञापन के मामले में 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। एडीएम ललित नारायण मिश्रा की अदालत ने कंपनी से एक माह के भीतर जुर्माना भरने को कहा।
शिवराज की 5 रुपए की 'मामा' थाली में मिलेगा गरीबों को भरपेट भोजन

शिवराज की 5 रुपए की 'मामा' थाली में मिलेगा गरीबों को भरपेट भोजन

अपने राजनैतिक कैरियर में बतौर मुख्‍यमंत्री 11 साल पूरे करने के अवसर पर आयोजित किए गए गरीब कल्याण प्रशिक्षण सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमिलनाडु की तरह अपने सूबे में दीनदयाल रसोई शुरू करने की घोषणा की है। इंडस्ट्री के सीएसआर फंड व सरकार की मदद से यह रसोई मजदूरों व गरीबों को 5 रुपए में भरपेट भोजन कराएगी।
यमुना एक्‍सप्रेसवे पर 1500 करोड़ रुपए में पतंजलि का फूड पार्क बनेगा

यमुना एक्‍सप्रेसवे पर 1500 करोड़ रुपए में पतंजलि का फूड पार्क बनेगा

उत्तर प्रदेश सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद के 2 हजार करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट को मंजूरी दे दी है, जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे पर 450 एकड़ में फैला फूड पार्क भी शामिल है। पतंजलि ग्रेटर नोएडा में 1,500 करोड़ रुपये की लागत से एग्रो-प्रॉसेसिंग प्लांट लगाने वाली है। इसके लिए 450 एकड़ जमीन को चिन्हित किया गया है जिसे पतंजलि आयुर्वेद खरीदेगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून इस महीने से पूरे देश में लागू हो गया : पासवान

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून इस महीने से पूरे देश में लागू हो गया : पासवान

केंद्र सरकार ने कहा है कि केरल और तमिलनाडु जैसे दो बाकी बचे दो बड़े राज्यों के शामिल होने के साथ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून इस महीने से पूरे देश में लागू हो गया है।
अच्‍छे दिन कैसे आएंगे, भुखमरी पर भारत की हालत अभी भी चिंताजनक

अच्‍छे दिन कैसे आएंगे, भुखमरी पर भारत की हालत अभी भी चिंताजनक

खाद्य सुरक्षा पर किए गए तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद भुखमरी के मामले में भारत की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। इसे नापने वाले वैश्विक पैमाने 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' में भारत को 'चिंताजनक श्रेणी' में रखा गया है। 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' दुनिया भर के देशों में भुखमरी के हालात और इसके मुख्य कारणों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था 'इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की ओर से तैयार किया गया है।
चीनी माल का बहिष्‍कार, इस दिवाली कारोबारियों को लगेगा झटका

चीनी माल का बहिष्‍कार, इस दिवाली कारोबारियों को लगेगा झटका

पाकिस्तान पर भारत के सर्जिकल हमले के बाद इस साल त्योहारों के दौरान चीनी वस्‍तुओं की बिक्री प्रभावित होने की आशंका है। दशहरा-दीपावली के बीच सजावट के सामान, बिजली के आइटम व पटाखा बेचने वाले थोक कारोबारियों के मुताबिक चीनी आइटम की बिक्री में 20 फीसदी की कमी आने पर भी उन्हें खासा नुकसान हो सकता है।
पतंजलि के उत्पाद अब मध्य प्रदेश के सहकारी दुकानों में बेचे जाएंगें

पतंजलि के उत्पाद अब मध्य प्रदेश के सहकारी दुकानों में बेचे जाएंगें

मध्यप्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्रा प्रभार) विश्वास सारंग ने शनिवार को बताया कि सहकारिता विभाग में बदलते समय के साथ नवाचार करते हुए प्रदेश की सहकारी राशन की दुकानों और ग्रामीण कृषि ऋण सोसायटी (पैक्स) दुकानों पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पादों को बेचा जाएगा।
दुनिया भर में चीनी व्यंजनों को पीछे छोड़ रहा है भारत का जायका

दुनिया भर में चीनी व्यंजनों को पीछे छोड़ रहा है भारत का जायका

भारतीय व्यंजनों की बात करें तो इसमें हर वो बात है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यंजनों के मामले में सबसे आगे रख सकता है। पूरी दुनिया के व्यंजनों के शौकीन लोगों को भारतीय जायका काफी भाता है और यही वजह है कि यह चीनी व्यंजनों की तुलना में लगातार लोकप्रिय हो रहा है।
इस बार अच्छी पैदावार, जमाखोर अपनी दाल निकालें वरना घाटे में रहेंगे: पासवान

इस बार अच्छी पैदावार, जमाखोर अपनी दाल निकालें वरना घाटे में रहेंगे: पासवान

देश में अरहर दाल की इस बार भरपूर पैदावार होने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि जो जमाखोर अरहर की दाल इस लालच में जमा किए हुए हैं कि एक बार फिर अरहर के दाम बढ़ेंगे तो वह इस मुगालते में न रहें और अपनी दाल बाजार में निकाल दें, क्योंकि फसल अच्छी होने के कारण इस बार उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है।
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