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भाजपा ने पांच और कांग्रेस-पीडीएफ विधायकों के समर्थन का दावा किया

भाजपा ने पांच और कांग्रेस-पीडीएफ विधायकों के समर्थन का दावा किया

उत्तराखंड विधानसभा में 28 मार्च को हरीश रावत सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले मुख्य विपक्षी भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि सत्ताधारी कांग्रेस और सरकार में शामिल प्रगतिशील लोकतांत्रिाक मोर्चा पीडीएफ के कम से कम पांच और विधायक पाला बदलकर उसकी तरफ आने को तैयार है।
कहानी - दुर्गंध

कहानी - दुर्गंध

15 अगस्त, 1960 कानपुर में जन्म। तीन दशक से भी ज्यादा समय से कहानी लेखन में सक्रीय। देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। आंचलिक कथाकार के रूप में पहचान। कुछ कहानियों का बांग्ला, तमिल और उर्दू में अनुवाद। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में कहानियों पर, ‘गोविंद उपाध्याय की कहानियों में सामाजिक जीवन’ शीर्षक से लघु शोध-प्रबंध। ‘बारात’ और ‘पीढ़ी’ कहानियां पाठ्य-पुस्तक में संकलित। कादम्बिनी द्वारा आयोजित साहित्यिक महोत्सव में कहानी पुरस्कृत। कथाबिंब के कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार में कहानी को उत्तम पुरस्कार। कमलेश्वर-वर्तमान साहित्य कथा पुरस्कार में कहानी चयनित एवं प्रकाशित। कई कृतियां, जिसमें से पंखहीन, समय, रेत और फूकन फूफा, सोनपरी का तीसरा अध्याय, चौथे पहर का विरह गीत, आदमी, कुत्ता और ब्रेकिंग न्यूज़, बूढ़ा आदमी और पकड़ी का पेड़ तथा नाटक तो चालू है मुख्य रूप से सराही गईं।
अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

खुलना से ढाका की ओर मैंने जब रवानगी डाली तो दिन के दो बज रहे थे। खुलना से ढाका की दूरी मात्र 132 किलोमीटर है। लेकिन यह 132 किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे पूरे नौ घंटे लगे। बीच में गंगा नदी को भी पार करना होता है, जो यहां आकर पद्मा बन जाती है। इस नदी पर कोई पुल नहीं है। बस, ट्रक, रिक्शे, सभी एक बड़े शिप पर सवार होते हैं और फिर उस पार पहुंचा दिए जाते हैं।
पानसरे हत्याः सनातन संस्‍था मामले में भिड़े वरिष्ठ कांग्रेसी

पानसरे हत्याः सनातन संस्‍था मामले में भिड़े वरिष्ठ कांग्रेसी

गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में सनातन संस्था के एक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के बाद इस संगठन के जांच के घेरे में आने के साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज कहा कि राज्य में पिछली कांग्रेस नीत सरकार ने 2011 में ही केंद्र की तत्कालीन संप्रग सरकार से इस दक्षिणपंथी संगठन पर पाबंदी की मांग की थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने इस पर कार्रवाई नहीं की।
शुरुआत से समापन तक फीका रहा विश्व हिंदी सम्मेलन

शुरुआत से समापन तक फीका रहा विश्व हिंदी सम्मेलन

विवादों के बीच भोपाल में शुरू हुआ 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन बगैर कोई छाप छोड़े समाप्त हो गया। पूरे कार्यक्रम के आयोजन में इसके उद्घाटन और समापन पर ही आयोजकों का सारा फोकस था। पर उसके बावजूद कार्यक्रम पूरी तरह से अपने उद्देश्यों से दिशाहीन होकर समाप्त हो गया। विवादों का ही असर हुआ जिसके चलते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके समापन समारोह में अपने पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए।
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