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एनजीटी ने गंगा किनारे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया

एनजीटी ने गंगा किनारे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा की सफाई को लेकर गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाया है। एनजीटी ने साफ कर दिया है कि गंगा के किनारे 100 मीटर तक किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं होगा।
पेटीएम के मालिक विजय शेखर ने लुटियन ज़ोन में खरीदा 82 करोड़ का बंगला

पेटीएम के मालिक विजय शेखर ने लुटियन ज़ोन में खरीदा 82 करोड़ का बंगला

मोबाइल ऐप पेटीएम के मालिक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने दिल्ली के वीवीआईपी इलाके लुटियंस ज़ोन में 82 करोड़ का बंगला खरीदा है। लुटियंस ज़ोन देश के सबसे महंगे इलाकों में शुमार है।
सरकार का फरमान, अब स्मोकिंग जोन में भी होगा हुक्का बैन

सरकार का फरमान, अब स्मोकिंग जोन में भी होगा हुक्का बैन

सरकार ने ‘2008 धूम्रपान निषेध’ नियम को लेकर थोड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों से हुक्का प्रेमियों को थोड़ी निशाना जरुर मिलेगी। सरकार ने 2008 के नियमों में संशोधन करते हुए सार्वजनिक स्थलों के अलावा स्मोकिंग जोन में भी हुक्का पीने पर रोक लगा दिया है।
वायु प्रदूषण पर एनजीटी सख्त, दिया निगरानी समिति बनाने का निर्देश

वायु प्रदूषण पर एनजीटी सख्त, दिया निगरानी समिति बनाने का निर्देश

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने वायु प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए आज कई निर्देश पारित किए जिनमें केंद्रीय और राज्य स्तर पर निगरानी समितियों का गठन करना भी शामिल है। न्यायाधिकरण ने उत्तर भारत के चार राज्यों से कहा कि पुराने डीजल वाहनों को प्रतिबंधित करने पर विचार करें ताकि पर्यावरणीय आपातकाल से निपटा जा सके।
नेशनल ज्योग्राफिक की अफगान गर्ल को वापस नहीं भेजेगा पाकिस्तान

नेशनल ज्योग्राफिक की अफगान गर्ल को वापस नहीं भेजेगा पाकिस्तान

मीडिया में आई एक रिपोर्ट में आज एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि पाकिस्तान नेशनल ज्योग्राफिक की हरी आंखों वाली आइकनिक अफगान गर्ल शरबत गुला को वापस उसके मुल्क नहीं भेजेगा। गुला को पाकिस्तान में फर्जी पहचान पत्र बनवाकर रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह पाकिस्तान की जेल में 15 दिन की कैद की सजा काट रही है।
आर्थिक संकट में मनरेगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मांगे 10000 करोड़

आर्थिक संकट में मनरेगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मांगे 10000 करोड़

गरीबों के लिए लाई गई योजना मनरेगा आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त आवंटन के बावजूद काम मांगने वालों की संख्या बढ़ने से सालभर के लिए आवंटित राशि खत्म हो गई है। गांव के गरीबों को रोजगार मुहैया कराने वाली योजना को आगे चलाने के लिए दस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई है।
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