ज्यादातर भारतीय फिल्म निर्देशक ‘पोस्ट इंटरवेल ब्लू’ यानी मध्यांतर के बाद फिल्म को झुला देने की आदत से पीड़ित रहते हैं। तो कुछ हद तक गुड्डू रंगीला के निर्देशक सुभाष कपूर भी इससे बच नहीं पाए हैं। लेकिन यदि खाप पंचायत के सामने लड़कियों की स्थिति पर एक शानदार तकरीर वाले दृश्य पर विचार किया जाए, आखिरी दृश्य में शोले स्टाइल की लड़ाई और इस तरह के दृश्यों को देखें तो लगता है कि भारतीय दर्शकों के लिए भी यह सब जरूरी है। आखिर बुरा आदमी लहूलुहान हो कर पिटे ही न, उससे परेशान दो लड़कियां हीरो स्टाइल में उसे गोली न मारे तो क्या मजा। आखिर यह मजा ही दर्शकों को सिनेमाघर में खींचता है।
इन दिनों फिल्म गुड्डू रंगीला के गीत कल रात माता का मुझे ई-मेल आया है माता ने मुझे फेसबुक पर बुलाया है पर बवाल मच रहा है। हिंदू चरमपंथी इसे काली झंडियां दिखा रहे हैं। हरियाणा में तो इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए। इस गीत से जुड़े विवाद से इतर बात करें तो इसके गायक गजेंद्र फोगाट हरियाणा के पहले गायक हैं जिन्होंने इसके जरिये बॉलीवुड में कदम रखा है। गजेंद्र जितने सरल हैं उनका संघर्ष उतना ही कड़ा।