सन 1963 में पहली कहानी ‘कहानी’ नाम की पत्रिका में छपी। पिछले पांच दशकों में हिंदी की तमाम छोटी-बड़ी पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन। कविता संग्रह, सिर्फ सोलह सफे, पठार को सुनो, अतिपूर्वा, इंधन चुनते हुए, सीढ़ियों पर धूप, आग के आसपास, बीस सुरों की सदी। कहानी संग्रह, कोरस वाली गली, नायाब नर्सरी। इसके अलावा भी कई अन्य क्षेत्रों में लेखन और संपादन। झारखंड पर केंद्रित कई किताबें। झारखंड के जाने-माने लेखकों में शुमार।