अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू करते हुए पदक जीतने वाले गौरव दूसरे भारतीय मुक्केबाज हैं। उनसे पहले विकास कृष्ण ने 2011 में चैंपियनशिप में डेब्यू करते हुए पदक जीता था।
यूरोपीय दौरे पर भारतीय टीम का ये चौथा मैच था जिसमें उसे लगातार दूसरी जीत मिली है। इससे पहले रविवार को खेले गए मैच में कप्तान मनप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारतीय टीम ने बेहद रोमांचक मुकाबले में नीदरलैंड को 4-3 से हराया था।
भारत ने अप्रैल-मई में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप के लिये कुछ स्थापित और दो नये मुक्केबाजों को टीम में जगह दी है लेकिन दो बार के पदक विजेता एल. देवेंद्रों सिंह इसमें स्थान नहीं बना पाये। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता शिव थापा (60 किग्रा) और विकास कृष्ण (75 किग्रा) के साथ पूर्व राष्ट्रमंडल चैंपियन मनोज कुमार (60 किग्रा) अपेक्षानुरूप 30 अप्रैल से सात मई के बीच उज्बेकिस्तान के ताशकंद में होने वाली चैंपियनशिप के लिये टीम में चुने गये। यह महाद्वीपीय चैंपियनशिप इस वर्ष के आखिर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिये क्वालीफाईंग प्रतियोगिता भी है।
भारत के मुक्केबाजी स्टार विजेंदर सिंह ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए आज तंजानिया के फ्रांसिस चेका को दस मिनट के अंदर ही नाकआउट करके पेशेवर मुक्केबाज के रूप में अपना अजेय अभियान जारी रखने के साथ ही डब्ल्यूबीओ एशिया पैसेफिक का अपना खिताब बरकरार रखा।