केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 1000 और 500 के पुराने नोट बंद करने के फैसले को लेकर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने पीएम मोदी पर एक बार फिर से हमला किया है। नोटबंदी पर आयोजित एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने कहा, 'मैंने इसे 2016 की त्रासदी कहा क्योंकि इसने देश के 125 करोड़ लोगों को प्रभावित किया है।' इस कार्यक्रम का आयोजन केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डिवेलपमेंट स्टडीज ने किया था।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में निवेशकों को निवेश के लिए तहे दिल से आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए वह सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। औद्योगिक विकास के लिए विधि-व्यवस्था और औद्योगिक शान्ति सहित अन्य मापदंडों पर भी सरकार पूरी तैयारी के साथ उनका साथ देगी।
नोटबंदी पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने साफ कहा है कि सरकार का ये फैसला खोदा पहाड़ निकली चुहिया के जैसा है। इससे न तो काला धन पर लगाम लगा और न ही इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। उन्होंने कहा कि पूरे देश का कैशलेस होना किसी भी हाल में संभव नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी नोटबंदी की प्रक्रिया को सही नहीं माना है। उन्होंने सोमवार को कहा कि अगर वह वित्त मंत्री होते और प्रधानमंत्राी नोटबंदी पर जोर देते तो वह इस्तीफा दे देते।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि नोटबंदी का फैसला सोच विचार कर लिया हुआ नहीं लगता है। इसका असर उम्मीद से ज्यादा लंबे समय तक बना रह सकता है। उन्होंने फैसले पर आश्चर्य जताते हुए सवाल उठाया कि सरकार ने यह निर्णय लेने से पहले क्या अपने मुख्य आर्थिक सलाहकार से विचार विमर्श किया था।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 500 और 1000 रूपए के पुराने नोट बंद करने के फैसले पर तंज कसते हुए मंगलवार को कहा कि बैंकों की ओर सेे नागरिकों को नगद बांटना इस बात का सबूत है कि अच्छे दिन आ गए हैं। कई ट्वीट करके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने नोटबंदी योजना को लागू करने के तौर-तरीके को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि करोड़ों कामकाजी लोग कतार में खड़े हैं। उत्पादकता जिंदाबाद।
सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें नोटों को अमान्य किए जाने, लक्षित हमले और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। विपक्ष इन मसलों पर सरकार पर हावी हो सकता है। आगामी दिनों में चुनाव की रणनीति को तैयार करने के लिहाज से भी यह बैठक सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कालेधन पर कोई कार्रवाई न करने वाले राजनीतिज्ञ अब स्तंभकार बन गए हैं। उन्होंने प्रमुख विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि उसने भ्रष्टाचार को कभी नापसंद नहीं किया।