एक दिल दहला देने वाली घटना में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक महिला इंजिनियर की जलाकर हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फिलहाल एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वह इस समय हिन्दुत्व या इसके तात्पर्य से जुड़े मसले पर गौर नहीं करेगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि वह इस मसले पर 1995 के शीर्ष अदालत के निर्णय पर न तो पुनर्विचार करेगा और न ही हिन्दुत्व या धर्म के पहलू पर गौर करेगा।
देश में जजों को नियुक्ति को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देहरादून बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल के जरिये बड़े फैसले कर सकता है, लेकिन वह कानून मंत्री के जरिये जजों की नियुक्ति नहीं कर सकता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 60 साल के एक शख्स को दोषी ठहराये जाने और छह महीने की कैद की सजा के फैसले पर मुहर लगाते हुए कहा कि किसी मां से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह छेड़छाड़ के मामले में किसी को फंसाने के लिए अपनी संतान का सम्मान ताक पर रख देगी।
ओडि़शा के बालेश्वर जिले में एक वृद्ध महिला के शव के साथ अमर्यादित व्यवहार कर अपने कर्तव्य का उचित निर्वहन नहीं करने के मामले में राजकीय रेल पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया।
दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2009 में आईटी कर्मी जिगिशा घोष के साथ लूटपाट करने और उसकी हत्या करने के मामले में दो दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने इसे निर्मम हतया करार देते हुए मामले के एक अन्य दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
देश में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच लगता है तकरार अभी भी चल रही है। इसकी झलक स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिखाई दी। देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने पीएम के भाषण में एक बेहद जरूरी मुद्दे का जिक्र नहीं करने पर निराशा जताई। जस्टिस ठाकुर ने जजों की नियुक्ति का मुद्दा उठाया।
न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर काॅलेजियम के निर्णय को लागू करने में केंद्र के विफल रहने पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को नाखुशी जताई और कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में अविश्वास क्यों है। उच्चतम न्यायालय ने अटाॅर्नी जनरल से कहा कि वह सरकार से इस संबंध में निर्देश प्राप्त करें।
मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) हटाने के लिए पिछले 16 साल से संघर्षरत र्इरोम शर्मिला चानू ने मंगलवार को अपना अनशन तोड़ दिया। इंफाल की अदालत में इरोम द्वारा अनशन तोड़ने की सूचना देने के बाद उन्हें जमानत दे दी।