जीएसटी काउंसिल का गठन तय होने के बाद वस्तु एवं सेवाकर की सबसे ऊंची दर पर खींचतान निश्चित होगी। जीएसटी की अधिकतम दर क्या होगी, यह तय करने का काम काउंसिल का है और राज्य व केंद्र विपक्ष की 18 फीसदी की मांग पर सहमत होंगे, इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है।
मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद के गठन को आज मंजूरी दे दी। परिषद जीएसटी प्रणाली के लिये कर की दर तय करेगी। जीएसटी प्रणाली के एक अप्रैल 2017 से लागू होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने ट्विटर पर कहा कि जीएसटी परिषद में वित्त मंत्री अरुण जेटली, राजस्व प्रभार वाले वित्त राज्य मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही जीएसटी परिषद का गठन करेगी और अप्रत्यक्ष करों के गहन असर को कम करेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से भारत की दो हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब उपभोक्ता सभी पहली बार एक साझा बाजार में तब्दील हो जाएंगे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। यह नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोआ ने अपने पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है। लेकिन केंद्र सरकार ने तत्काल इनको हटाने का फैसला नहीं किया है। राज्य की विधानसभा के दो दिनों के सत्र में गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स से जुड़े संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पर मुहर लगाई जा सकती है। जिसके बाद राजखोआ को पद से हटाने के संकेत हैं।
सूखा और खनन व निर्माण क्षेत्र की धीमी गति के चलते विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 7.1 प्रतिशत रह गयी है जो कि पिछली छह तिमाही में सबसेे कम है। जीडीपी में वृद्धि का ताजा स्तर वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.5 प्रतिशत की अपेक्षा कम है।
बीएसई और सीएमआईई द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार अगस्त में देश में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी की दर बढ कर 11.24 प्रतिशत रही जो ग्रामीण क्षेत्र के 9.18 प्रतिशत से अधिक है।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यू-टर्न से नॉर्थ ब्लॉक चिंता में है। विधानसभा का अल्पकालीन सत्र बुलाकर जीएसटी के संविधान संशोधन विधेयक पर मुहर लगाने की बात थी, लेकिन आखिरी मौके पर ममता बनर्जी ने समय के अभाव में इस पर चर्चा नहीं कराने का फैसला किया। अब इस मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी को मनाने में जुट गए हैं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली। श्री जेटली चाहते हैं कि ममता बनर्जी को जो गलतफहमियां हो गई हैं, उन्हें दूर कर लिया जाए। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इसी कारण केंद्रीय वित्त सचिव अशोक लवासा को कोलकाता भेजने का फैसला किया गया है, जो वहां के वित्त मंत्री अमित मित्र और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे और अफसरों के साथ बैठक कर जीएसटी की राह आसान करने की कोशिश करेंगे।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि जीएसएटी का संग्रह केंद्र के बजाय स्थानीय निकायों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र जीएसटी में राज्यों को उनका हिस्सा देने में विफल रहता है तो स्थानीय निकाय ढह जाएंगे।