मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 अक्टूबर को युवा कथाकार पंकज सुबीर के बहुचर्चित उपन्यास अकाल में उत्सव पर केंद्रित एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया है।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऊपर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला है। उनहोंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सूबे में सरकार बनने का मजा तो किसी और ने लिया, मैं तो सिर्फ सजा भुगत रही हूंं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार के बाद प्रदेश की जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी लेकिन सरकार बनने का मजा किसी और मिला। वह तो सिर्फ सजा पा रही हैं।
मध्यप्रदेश में भाजपा के नेताओं के रसूख के आगे पुलिस प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। अभी प्रदेश में बालाघाट जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रचारक के साथ मारपीट के मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समेत 10 लोगों के निलंबन और उनके खिलाफ मामला दर्ज होने का मामला शांत भी नहीं हुआ कि इसी बीच इंदौर में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के निज सचिव के साथ बदसलूकी के बाद एएसआई को निलंबित कर दिया गया है।
यूं तो हर राज्यसभा में होता है कि वहां से सांसद होने के लिए भौगोलिक सीमाएं पत्थर पर खींची हुई लकीर नहीं होती हैं। फिर भी मध्य प्रदेश कुछ मायनों में अलग है। तमिलनाडु के पार्टी अध्यक्ष इला गणेशन के मध्य प्रदेश से राज्यसभा में नामित होने के बाद कई स्थानीय नेता और दूसरे उत्तर भारतीय नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया।
सूबे की भाजपा सरकार के पुरजोर प्रयासों के बाद भी प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर जनता से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने से हिचक रहे हैं। अधिकारियों का आम आदमी से कोई सीधा संवाद नहीं है। जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया के जरिए सरकार के कामकाज का फीडबैक ले रहे हैं। और जनता से जुड़कर लोक कल्याण के कार्यों में अधिक योगदान देना चाहते हैं।
मध्यप्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्रा प्रभार) विश्वास सारंग ने शनिवार को बताया कि सहकारिता विभाग में बदलते समय के साथ नवाचार करते हुए प्रदेश की सहकारी राशन की दुकानों और ग्रामीण कृषि ऋण सोसायटी (पैक्स) दुकानों पर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पादों को बेचा जाएगा।
मध्य प्रदेश में विकास की बयार बहाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस रिपोर्ट से झटका मिल सकता है। प्रदेश सरकार सूबे में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर करने की लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में एनसीईआरटी की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश सरकार के लिए परेशानी और बढ़ सकती है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिवालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े डॉ. मनीष कुमार को ओएसडी नियुक्त किया गया है। डॉ. कुमार देना बैंक भोपाल जोन में ब्रांच मैनेजर थे। उनकी सेवा प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार को सौंपी गई है।