मध्य प्रदेश में मैहर, मंडीदीप नगर पालिका और ईसागढ़ नगर परिषद में पूरा कब्जा, इसके बाद अलग-अलग जिलों के वार्डों के चुनाव में 12 में से 9 पर जीत और अब फिर एक और जीत कांग्रेस को मिली है। इससे कांग्रेस उत्साहित है और वह भाजपा को लगातार मात दे रही है।
मध्यप्रदेश भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का नाम शामिल नहीं होने के बाद पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि उनका नाम टाइपिंग में मिस्टेक हो गया। लेकिन नंदकुमार चौहान की टीम में प्रदेश के पूर्व संगठन महामंत्रियों माखन सिंह चौहान, अरविंद मेनन और भगवतशरण माथुर को भी स्थान नहीं मिला है।
स्वच्छता अभियान का असर भाजपा शासित राज्यों में ही नहीं है। राष्ट्रीय सैंपल सर्वे ऑफिस ने देश के 26 राज्यों का सर्वे किया और यह नतीजे सामने आए हैं। सर्वे में पता चला है कि मध्य प्रदेश के गांव देश में चौथे सबसे गंदे गांव हैं, जबकि साफ-सफाई में सिक्किम के गांवों ने बाजी मारी है।
अब तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ही अम्मां कैंटीन के लिए प्रसिद्ध थी। लेकिन अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी प्रदेश के 4 बड़े शहरों में शिवराज भोजनालयों की शुरूआत करने जा रहे हैं। इन भोजनालयों में मात्र 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाएगा। थाली में दाल, रोटी, सब्जी, पुलाव और अचार होगा। अगर इन शहरों में सफलता मिली तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में अमेरिकन कंपनियां भविष्य में सूचना प्रौद्योगिकी, निर्माण और अन्य क्षेत्रों में 2,400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगी। इसमें आईटी कंपनियों का निवेश 1,000 करोड़ रुपये का होगा जिससे 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
मध्यप्रदेश में धर्म के आधार पर छुट्टी देने के आदेश के बाद हड़कंप मच गया है। नए आदेश में कहा गया है कि दीपावली पर मुस्लिमों और ईद के दिन हिन्दू कर्मचारी को अवकाश नहीं दिया जाएगा। मप्र ओपन स्कूल ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए यह नए आदेश जारी किए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या करने वाला बताया।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को आरएसएस के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी और कृष्ण गोपाल ने प्रदेश नेताओं के साथ समन्वय समिति की बैठक की। दो दिनों की यह बैठक कल भी चलेगी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही अपने राज्य को बीमारू राज्य से निकाल कर विकसित राज्य की श्रेणी में लाने का दावा करते हों पर यूनीसेफ की रिपोर्ट इससे अलग स्थिति की ओर संकेत करती है।
कभी भाजपा की फायर ब्रांड नेता रहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती हमेशा भीड़ से घिरी रहती थीं। जहां जातीं समर्थकों का हुजूम उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ता था। लेकिन आज स्थिति बिल्कुल उलट गई है। उमा भारती अब हर जगह अकेली दिखाई देती हैं। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद आगे पीछे रहने वाले समर्थक नदारद हैं। और तो और देश के किसी हिस्से में पहुंचने पर स्वागत के लिए समर्थकों का जो हुजूम उमड़ पड़ता था आज वह भी कहीं दिखाई नहीं देता।