राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले पांच महीनों में मध्य प्रदेश के शेओपुर जिले में कुपोषण संबंधी बीमारियों के कारण 116 बच्चों की मौत की खबरों पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
महाराष्ट्र के आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा ने कुपोषण से हुई बच्चों की मौत पर लापरवाही भरा बयान दिया है। उन्होंन कहा है कि 'कुपोषण से 600 बच्चों की मौत हुई हैं तो होने दो।' ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान आने के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सीएम से उन्हें मंत्रिमंडल से निकालने की मांग की है।
कुपोषण एक ऐसी बीमारी जो कि बच्चों के विकास में बाधक ही नहीं बल्कि समाज के लिए चिंता का विषय है। कुपोषण से मुक्ति की सरकार लाख कोशिशें कर ले लेकिन इससे मुक्ति एक सपना बन गया है। राष्ट्रीय प्रतिष्ठान और सेव द चिल्ड्रेन के लिए किए जा रहे शोध के दौरान पाया गया कि सरकारी आंकड़े कुपोषण को लेकर कुछ और स्थिति बताते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक फरमान जारी किया कि मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ बच्चों को दूध दिया जाए ताकि कुपोषण दूर कर सेहतमंद बनाया जा सके। लेकिन हफ्ते में एक दिन दूध देने से क्या कुपोषण की समस्या दूर हो पाएगी इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि हफ्ते में एक दिन दूध वह भी कई स्कूलों में नहीं मिल रहा है तो कई जगह खराब मिल रहा है।
इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (आईएपी) ने हेल्थफोन के साथ मिलकर आईएपी प्रोग्राम को औपचारिक रूप से लॉन्च किया। दुनिया का यह सबसे बड़ा डिजिटल व्यापक शिक्षा कार्यक्रम आईएपी हेल्थफोन प्रोग्राम भारत में राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की चुनौती का मुकाबला करेगा। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि यह नेटवर्क कुपोषण को कम करने में भारी मददगार होगा।