भारतीय क्रिकेट टीम के मीडिया मैनेजर निशांत अरोड़ा ने बीसीसीआई के दिल्ली कार्यालय को बंद करने के प्रशासकों की समिति (सीओए) के फैसले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने नोटबंदी के बाद नौ कथित फर्जी बैंक खातों में 34 करोड़ रुपए जमा किए जाने संबंधी आपराधिक मुकदमे के तहत कोटक बैंक के एक प्रबंधक को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने इस संबंध में दर्ज धन शोधन के मुकदमे की जांच के तहत यह गिरफ्तारी की है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी को लेकर निशाना साधा है। भाजपा के सहयोगी संगठन ने पीएम मोदी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है। महासभा के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा है कि नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार के अंत की शुरुआत है।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में जारी रस्साकशी का दौर अभी भी जारी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी मंत्री पवन पांडे को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसी बीच अखिलेश ने अचानक राजभवन पहुंच राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं।
'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' फिल्म को सीधे-सीधे बायोपिक नहीं कहा जा सकता। इसमें सिर्फ महेंद्र सिंह के जीवन की कुछ घटनाएं हैं। नीरज पांडे ने हालांकि पूरी कोशिश की है कि यह एक अच्छी बायोपिक फिल्म लगे। पर कहीं-कहीं लगता है कि धोनी के जीवन की कुछ परतें खुलनी फिर भी बाकी रह गई हैं।
जब लेखक और इलस्ट्रेटर मनोज पांडे ने सलमान रश्दी, मार्गरेट एटवुड और तेजू कोले जैसे अपने पसंदीदा लेखकों को उनकी प्रतिक्रिया पाने की आशा में अपने ट्वीट में टैग करना शुरू किया तब वे नहीं जानते थे कि उनकी प्रतिक्रिया भी अपने आप में लघु कहानियां ही होंगी।
रुस्तम देखते हुए कई बातें दिमाग में एक साथ चलती हैं। सन 1959 में नानावटी केस पर बनी इस फिल्म को देखते हुए लगता है कि संपादन नीरज पांडे की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत है। शायद यही वजह है कि रुस्तम की धीमी कहानी भी पकड़ छूटने नहीं देती।
राष्ट्रगान पर प्रतिबंध लगाने वाले उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित स्कूल पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे सोमवार को सील कर दिया और प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि स्कूल प्रबंधक ने स्वतंत्रता दिवस पर छात्रों को राष्ट्रगान गाने की इजाजत नहीं दी।
अक्षय कुमार तो कई तरह की फिल्में करते रहते हैं। उनके लिए यह खतरा मोल लेना ठीक है कि वह हाउसफुल जैसी फिल्में कर लें लेकिन इस फिल्म के बाकी कलाकारों ने क्या सोच कर इस फिल्म में काम किया होगा यह तो वही जाने।
सन 2015 के लिए समकालीन हिन्दी कविता का चर्चित केदार सम्मान इस साल वरिष्ठ कवि मदन कश्यप को दिया गया। प्रख्यात आलोचक प्रो. मैनेजर पाण्डेय ने कहा, मदन कश्यप मूलगामी काव्य दृष्टि के कवि हैं। मूलगामी दृष्टि वह है जो अपने समय के मनुष्य और समाज के भाव-कुभाव और स्वाभाव को जानती हो, दोनों के छल-छद्म, आतंक और क्रूरता को पहचानती हो और उन सबसे मुक्ति की राह बनाती हो।